दो दिनों से नहीं मिले डॉक्टर, मरीज हो रहे परेशान, लोकतंत्र सेनानी के साथ समाज सेवियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

memorandum submitted to collector

अलीराजपुर, यतेन्द्रसिंह सोलंकी। जिला अस्पातल में हो रही अव्यवस्था से मरीज़ कितना भी परेशान हो या मजबूरीवश अन्य अस्पतालों में अपना उपचार करवाते हो, लेकिन इससे न तो जिला प्रशासन को कोई फर्क पड़ता है और ना ही जिम्मेदार इस ओर ध्यान दे रहे है। प्रतिदिन जिला अस्पताल के चेम्बरों से गायब होते डॉक्टर और सुविधा के नाम पर होती अव्यवस्था से परेशान होते मरीजों की आवाज़ एक लोकतंत्र सेनानी सुदामा पंवार और समाज सेवियों ने उठाने की हिम्मत दिखाई और जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर को जिला अस्पताल की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन सौंपने के बाद कलेक्टर ने जिले के स्वास्थ्य महकमे की बैठक भी ली, लेकिन बैठक में कलेक्टर ने सरकारी आंकडों पर ध्यान दिया या अस्पताल के जिम्मेदारों को व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देष दिए या फिर ज्ञापन को मात्र कागजी खानापूर्ति मानकर रद्दी की टोकरी में डाल दिया ये एक बड़ा सवाल है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।