अलीराजपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में तीन विधानसभा सीटों (assembly seat) और एक लोकसभा सीट (loksabha seat) के लिए उपचुनाव (MP By-election) 30 अक्टूबर को होने हैं, और ऐसे में आनेवाले परिणाम Congress सहित BJP के लिए विधानसभा चुनाव से पहले काफी उपयुक्त साबित हो सकते हैं। ऐसे में उपचुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। हालांकि प्रत्याशी के ऐलान के बाद कांग्रेस में फूट देखने को मिल रही है। वहीं आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेसी खेमे में कांग्रेसियों के विरोधी स्वर निश्चित ही पार्टी के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं।
इसी बीच अब अलीराजपुर की जोबट उपचुनाव (Jobat-by-election) को लेकर कांग्रेस में बगावत हो गई है। पूर्व विधायक कलावती भूरिया (kalawati bhuria) के भतीजे दीपक भूरिया ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। महेश पटेल को कांग्रेस से टिकट मिलने से वे नाराज हो गए थे। दीपक के मैदान में आने से यह उपचुनाव त्रिकोणीय हो सकता है।
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शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने पहुंचे दीपक भूरिया अपने समर्थकों के साथ आतिशबाजी कर रहे थे। नामांकन दाखिल करने के बाद भूरिया ने कहा कि कलावती भूरिया के सम्मान में चुनाव लड़ूंगा। बता दें कि महेश पटेल को टिकट मिलने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी (Congress Party) में अंदर ही अंदर टिकट बंटवारे से पहले घमासान दिखाई दे रहा था। जो अब स्पष्ट हो गया है। वहीँ इससे पहले कांग्रेस में शामिल सुलोचना रावत ने बीजेपी का दामन थम लिया है और बीजेपी ने सुलोचना रावत को उम्मीदवार बनाया है।
दीपक ने कहा कि मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद करते हुए दीपक ने कहा कि अपने आखिरी भाषण में गाँधी ने कहा था कि मेरे खून का एक-एक कण इस देश को समर्पित है। वहीँ पूर्व विधायक कलावती ने भी अपने आखिरी भाषण में कहा था कि मैं न कभी झुकी हूं और न कभी झुकूंगी, भूरिया ने कहा कि मैं कभी नहीं डरता, मैं कभी नहीं डरूंगा। इसलिए मैं लड़ूंगा। आप कलावती के सम्मान में सत्य का समर्थन करते हैं। दीपक भूरिया ने कहा कि ना ही जनता कांग्रेस का समर्थन करें और ना ही बीजेपी का
खैर नतीजा चाहे जो भी हो लेकिन एक चीज दिलचस्प है कि जोबट से जितने भी उम्मीदवार उतारे गए हैं। सभी कहीं ना कहीं कांग्रेस से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार जोबट में होने वाले उपचुनाव में मुकाबला कांग्रेस और पूर्व कांग्रेसियों के बीच है। वहीं कांग्रेसी खेमे में हो रहे बगावत आगे उपचुनाव की तारीख से पहले राजनीति की दिशा और दशा को किस तरह मोड़ते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा।