अनूपपुर/मो.अनीश तिगाला
यूं तो सरकार वन अधिकार के तहत बैगाओं को जमीन का अधिकार देने के कई दावे और वादे करती हैं लेकिन अनुपपूर में हुई घटना ने इन दावों की पोल खोल दी है। जिले में पुष्पराजगढ़ के ग्राम बेंदी के डूमर टोला में कई बैगा परिवार जो सालों से जमीन पर खेती कर अपनी आजीविका चला रहे थे, वन विभाग ने बंदूक की नोक पर उनकी आंखों के सामने लहलहाती फसलों को नष्ट कर उन्हें वहां से बेदखल कर दिया। इसके विरोध में पीड़ित बैगा परिवारों ने कलेक्ट्रेट में धरना दे दिया और अपनी जमीन वापस करने की मांग पर अड़ गए।
जयस के बैनर तले बैगाओं ने अपर कलेक्टर सरोधन सिंह राष्ट्रपति ने नाम एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें जिसमें कहा गया है कि पुष्पराजगढ़ के ग्राम बेंदी के डूमर टोला की भूमि में सालों से उनके पूर्वज खेती करते आ रहे हैं। इनका जीवनयापन इसी भूमि से होता आ रहा है और तब जबकि इसमें धान की फसल लगी हुई थी, 22 जुलाई 2020 को वन विभाग ने अचानक आकर उस जमीन को अपना बताकर वहां खड़ी फसल में ट्रैक्टर चलाने लगे। इतना ही नहीं, आवारा पशुओं को खेतों में छोड़ दिया गया। इसके बाद वहां पर तारों से बाउंड्री व़ल बना दी। जब इन्होने अधिकारियों से ऐसा न करने को कहा तो बल प्रयोग करते हुए उन्हें वहां से भगा दिया गया। वन विभाग द्वारा किये गए इस अमानवीय करतूत के बाद सैकड़ों की संख्या में बैगा लोग अपने परिवार के साथ कलेक्टर के पास पहुँचे और जमीन का पट्टा दिलाने व वन विभाग द्वारा धान की फसल की भरपाई की मांग की।