अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। देश के तमाम सरकारी चिकित्सालय में होने वाली मौतों के बाद शव को उनके घर भेजने की व्यवस्था होती है और ठीक यही व्यवस्था प्रदेश के अशोकनगर जिला चिकित्सालय में अब तक थी, जहां होने वाली मौतों के बाद शवों को सम्मानजनक तरीके से उनके गाँव छोड़ा जा रहा था। लेकिन बीते कुछ दिनों से यह व्यवस्था डगमगाती हुई नजर आ रही है। दरअसल शवों को उनके घर छोड़ने की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए नगरपालिका ने एक शव वाहन अस्पताल को दिया था। यही वाहन अधिकांश डेड बाॅडी को अब तक उनके घर पहुंचाने का कार्य कर रहा था।
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लेकिन अब नवागत नगर पालिका की CMO प्रियंका सिंह (CMO Priyanka Singh) ने शव वाहन के पहियो पर अपनी हुकुमत की बेड़ियां डाल दी हैं। वाहन चालक को फरमान सुना दिया कि नगरपालिका क्षेत्र से बाहर शव वाहन नहीं जाएगा। व्यक्ति की मृत्यु पर होने वाली संवेदना पर यह असंवेदनशील रवैया, परिजनों की मौत के शोक में डूबे लोगो को अंदर तक परेशान कर गया। चालक छोटा कर्मचारी था, हुकुम मानना पड़ा। इससे हुआ यह कि एक के बाद एक तीन डेड बॉडी अस्पताल में अपने गांव जाने का इंतजार करती रही।
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उनके परिजन परेशान होते रहे। निजी वाहन भी शव ले जाने में ज्यादा पैसे की मांग कर रहे थे। ऐसे में मामला तूल पकड़ गया। आनन-फानन में जिले के जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी पहुंची। CMHO डॉक्टर नीरज छारी जी को जिला चिकित्सालय आना पड़ा। और सीएमएचओ अपनी जिम्मेदारी पर शव वाहन को रवाना करना पड़ा। दो डेड बॉडी को निजी वाहनों से उनके गांव भेजा गया। तमाम कहा सुनी एवं परेशानियों के बाद आखिर शव वाहन में लाशों के सरकारी तंत्र के बेपरवाह रवैये की तार-तार हुई संवेदनाओ की गठरी भी गांव की ओर रवाना हो गई।