ख़त्म ही नहीं हो रहा खाद का संकट, बिगड़ते जा रहे हालात

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अशोकनगर| कृषि प्रधान जिस अशोकनगर जिले को शरबती गेहूं को दुनिया भर में जाना पहचाना जाता है । वहां के किसानों के लिए इस समय अपनी गेहूं की फसल के लिए खाद की समस्या बनी हुई है। बीते 15 दिन से रोज खाद को लेकर किसान लंबी लंबी लाइन लगाए यूरिया हासिल करने के लिए परेशान होते हैं ।इस दौरान कई बार चक्का जाम एवं प्रदर्शन भी होते रहे। मगर 13 हजार मैट्रिक टन खाद  बट जाने के बाद आज भी खाद को लेकर मारामारी हो रही है।

मंगलवार को खाद की समस्या से परेशान किसानों ने विदिशा रोड पर फिर जाम लगा दिया। इसी दौरान कुछ किसान आपस में भी भिड़ गए। इसके बाद पुलिस को इन्हें तितर-बितर करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी ।यही नहीं गुना रोड पर एक निजी गोदाम के सामने भी किसानों ने कुछ देर के लिए गुना अशोकनगर रोड जाम कर दिया।

इस बार गेहूं का रकबा बढ़ जाने एवं सोसायटी  से पर्याप्त खाद नही मिल पाने के कारण किसान लगातार खाद को लेकर परेशान है। कृषि विभाग एवं विपणन संघ की माने तो बीते एक पखवाड़े में अशोकनगर जिले में लगभग 13हजार मेट्रिक टन खाद आ चुका है। जो ज्यादातर किसानों को निजी एवं सरकारी गोदामों के माध्यम से बांटा भी जा चुका है। मगर इसके बाद भी इसकी किल्लत बनी हुई है। आज ही करीब 25 सौ किसानों को टोकन बांटे गए हैं । कृषि विभाग के उपसंचालक का कहना है कि अभी जिले को करीब 2 हजार मैट्रिक बैटरी टन खाद जिले को मिलना है। जो पहले से स्वीकृत है। इसके अलावा 3 हजार मैट्रिक टन अतिरिक्त खाद की मांग भी की गई है। इस तरह कुल18 हजार मेट्रिक टन खाद इस साल जिले के लिए लग सकता है अधिकारियों को उम्मीद है कि अगर कुछ दिनों में मांगा गया 5 हजार मैट्रिक तन खाद प्राप्त हो जाता है तो खाद की किल्लत खत्म हो सकती है।

ख़त्म ही नहीं हो रहा खाद का संकट, बिगड़ते जा रहे हालात


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