Ashoknagar News : मुक्तिधाम की जमीन पर दबंगों का कब्जा, सड़क किनारे किया बुजुर्ग का अंतिम संस्कार

मुक्तिधाम की समस्या को लेकर लंबे समय से हम कलेक्टर एवं जिला पंचायत CEO नेहा जैन या अन्य अधिकारियों से शिकायत की लेकिन हमारी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई थी।

Amit Sengar
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Ashoknagar News : अशोकनगर जिले की पिपरई नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 9 के थिगली गांव में मुक्तिधाम नहीं होने एवं मुक्तिधाम की सरकारी जमीन पर दबंगो का कब्जा होने के कारण गांव के बुजुर्ग का अंतिम संस्कार सड़क किनारे करना पढ़ा। इससे पहले गांव के ग्रामीणों में ने घंटे तक अधिकारियों को अपनी बात बताई मगर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई। हर ठक्कर परिवार वालों ने सड़क के किनारेअस्थाई टीनसेट बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया।

क्या है पूरा मामला

यह मामला अशोकनगर जिले की पिपरई नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले थिकली गांव का हैयहां 62 वर्षीय दशरथ सिंह यादव की मृत्यु सुबह 10 बजे हो गई थी।अंतिम संस्कार के लिए दोपहर को ले जाने लगे। तभी तेज बारिश होने लगी। मुक्तिधाम की जमीन पर पहले से दबंगों ने कब्जा कर सोयाबीन की फसल बो रखी है। बारिश के कारण वहां पर पहुंचना मुश्किल हो रहा था इसके अलावावहा टीनशेड भी नही था। मृतक के भतीजे गोपाल यादव ने बताया कि गांव के दबंगों ने जमीन पर कब्जा कर रखा है। अधिकारियों को भी फोन लगाया,लेकिन किसी ने भी फोन रिसीव नहीं किए। उन्होंने बताया कि गांव में मृतकों को अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिल पाती। कोई अपने खेतों पर अंतिम संस्कार करता है तो किसी को मजबूरी में सड़क किनारे अंतिम संस्कार करना पड़ता है।आज दशरथ सिंह यादव की मृत्यु होने पर उनका अंतिम संस्कार भी प्रधान मंत्री सड़क किनारे पर शाम को तिरपाल लगाकर किया, मृतक के भतीजे ने बताया कि दोपहर से लगातार इंतजार कर रहे थे लेकिन कोई जिम्मेदार मौके पर नहीं आया। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क किनारे ही अंतिम संस्कार करने लगे थे तभी नगर परिषद की ओर से तिरपाल भेजा गया। अंतिम संस्कार में आ रही समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर से लेकर अन्य अधिकारियों को भी फ़ोन लगाया गया था कोई जवाब नही मिला।

मृतक दशरथ सिंह यादव के भतीजे गोपाल का कहना है की मुक्तिधाम की समस्या को लेकर लंबे समय से हम कलेक्टर एवं जिला पंचायत CEO नेहा जैन या अन्य अधिकारियों से शिकायत की लेकिन हमारी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई थी।

अशोकनगर से हितेंद्र बुधौलिया की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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