अशोकनगर| भारतीय जनता पार्टी के गुना सीट से सांसद डॉक्टर के पी यादव से जुड़े विवादों का सिलसिला थमने का नाम ही नही ले रहा। जाति प्रमाण का विवाद अभी थमा ही नही था नहीं था,कि उनकी चाची की जमीन पर सांसद एवं उनके भईया द्वारा कब्जे का मामला सामने आया है । मुंगावली विकासखण्ड के जलालपुर गांव में आज राजस्व विभाग की टीम ने सांसद एवं उनके भाइयों के द्वारा 6 बीघा जमीन पर किये गये कब्जे को मुक्त कराया एवं उनकी चाची दीपा यादव को सौपी गई। जमीन मुक्त कराने गये राजस्व कर्मचारी मीडिया के सामने सांसद के नाम लेने से बचते रहे।उनके भाई का कब्जा बताते रहे। जबकि सांसद की चाची ने लगाया डॉ केपी यादव पर भी कब्जे का आरोप।
इसी माह की 5 तारीख को अशोकनगर कलेक्टर को सांसद की चाची दीपा यादव पत्नी स्व.संग्राम सिंह यादव ने एक आवेदन दिया था।जिसमे क्षेत्रीय सांसद डॉ केपी यादव उनके बड़े भाई महेंद्र यादव एवं सांसद के छोटे भाई अजयपाल यादव पर अपने पति के नाम की करीब 35 खेती की बीघा जमीन एवं मकान पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगा कर जमीन एवं मकान दिलाने की मांग की थी।इस आवेदन के बाद आज यह कार्यवाही की गई है। राजस्व अमले की टीम ने सर्वे नम्बर 95/2की 1.253 हैक्टर जमीन का सीमांकन किया गया,सासंद एवं उनके भाइयों के कब्जे से इस जमीन को मुक्त करा कर ग्राम वासियों की मौजूदगी में दीपा यादव को जमीन सौपी गई ।इस समय इस खेत मे गेंहू की फसल बोई गई है। इस टीम में अथाइखेड़ा वृत के राजस्व निरीक्षक के साथ ग्राम पटवारी एवं अन्य पटवारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि दीपा यादव ने जलालपुर गांव के चार अलग अलग सर्वे नम्बर की करीब 7 हैक्टर से ज्यादा जमीन को अपने स्वर्गीय पति संग्राम सिंह यादव की जमीन बताया था। जिसके बारे में उनका कहना था कि ये जमीन का नामान्तरण उनके एवं उनके पुत्र के नाम हो चुका हैं।मगर सांसद एवं उनके भाइयों ने राजनैतिक रसूख का उपयोग करके उस पर कब्जा कर रखा है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पारिवारिक जमीन के इस विवाद पर सांसद डॉ केपी यादव एवं उनके भाइयों ने भी इस जमीन को लेकर एक मामला मुंगावली एसडीएम कोर्ट में लगाया था ,जिसमे कहा गया था कि उनके चाचा स्व.संग्राम सिंह यादव की जमीन को दीपा यादव द्वारा जिस वसीयतनामे के द्वारा अपने नाम कराया है अब सही नही है ।
आज राजस्व विभाग द्वारा जो जमीन मुक्त कराई है ,वह उसी 7 हैक्टर की जमीन का हिस्सा है जिसको लेकर दीपा यादव द्वारा 5 दिसम्बर को आवेदन दिया गया था।