मासूम की डेंगू से मौत, जिम्मेदारों को भनक तक नहीं, अब कर रहे कार्रवाई की बात

Atul Saxena
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अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। प्रदेश भर में डेंगू मरीजों (Dengue Patients) की संख्या लगातार बढ़ रही है। सरकार और जिला प्रशासन डेंगू के खिलाफ तमाम सारी जागरूकता एवं बचाव के दावे कर रहे हैं, मगर अशोकनगर के ईसागढ़ कस्बे में 11 साल के एक बालक वैभव जैन की डेंगू से मौत हो गई। लेकिन खास बात ये है कि स्वास्थ्य विभाग को इस मौत की जानकारी ही मिली और ना ही इसके डेंगू पॉजिटिव होने की खबर है। मीडिया में खबर आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है।  सीएमएचओ निजी चिकित्सक खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे हैं।

दरअसल 11 वर्षीय वैभव जैन नगर के वार्ड क्रमांक 5 का निवासी है। 24 सितंबर को उसकी तबीयत खराब हुई तो परिजनों से यहां के स्थानीय सुखपुर अस्पताल में दिखाने के लिए आए।  यहां वैभव की एंटीजन जांच डेंगू पॉजिटिव पाई थी। इसके बाद इसके परिजन वैभव को अशोकनगर लाए एवं निजी लैब में जांच कराई यहा उसे टाइफाइड होना भी बताया। इलाज के बाद ईसागढ़ पहुंचे और दोबारा तबीयत खराब होने पर अशोकनगर लेकर आए इसके बाद फिर जांच कराई और निजी चिकित्सालय में इलाज भी करा कर कराया। 25 सितंबर की रात में उसकी तबीयत फिर खराब हो हुई एवं 26 को दिन में उसकी मौत हो गई। 3 दिन तक स्वास्थ्य विभाग को उसके डेंगू होने की जानकारी ही नही मिल पाई।

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मामला जब मीडिया के माध्यम से उजागर हुआ तो स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली।  सीएमएचओ डॉ हिमांशु शर्मा (CMHO Dr Himanshu Sharma) का कहना है कि निजी चिकित्सकों द्वारा इलाज किए जाने के कारण विभाग को इस बालक के बारे में आधिकारिक तौर पर डेंगू होने की जानकारी नहीं है। अब वह जांच करने के लिए खुद मौके पर जाने की बात कर रहे हैं। साथ ही उनका कहना है कि उन्होंने पत्र लिखकर सभी निजी चिकित्सकों को आदेश दिया था कि डेंगू की जानकारी विभाग को दी जाए, मगर इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। इसलिए निजी चिकित्सकों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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