MBBS डॉक्टर ने हिंदी में लिखा दवा का पर्चा, पढ़े पूरी खबर

Amit Sengar
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अशोकनगर,हितेंद्र बुधौलिया। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मेडीकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू की है तब से डॉक्टरो (mbbs doctor) द्वारा दवाई के पर्चे भी हिंदी में लिखना शुरू कर दिया है। प्रदेश भर में यह चलन अब तेजी से बढ़ने लगा है। हालांकि शुरुआत में स्वयं डॉक्टरो को यह जरा अटपटा सा लग रहा है मगर बदले दौर में ना केवल वह बदल रहे है बल्कि इस बदलाव के लिए दूसरों से भी उम्मीद लगा रहे है।

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अशोकनगर में हिंदी में दवाओं के पर्चे लिखने की पहल शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष रघुवंशी द्वारा की है। इन डॉक्टर नें 12 दिन के बच्चे लखन का हिंदी में पहला पर्चा बनाया। दीपावली के त्यौहार के बाद आज से ही उन्होंने हिंदी में पर्चे बनाने की शुरुआत की है। डॉ रघुवंशी बताते है की उनके पर्चे पर उनका नाम पता एवं डिग्री पूर्व से ही हिंदी में लिखी हुई है। इसके आलावा जिला चिकित्सालय में हिंदी में कामकाज की शुरुआत कर चुके है।

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डॉ रघुवंशी नें बताया की जब हिंदी में मेडीकल की पढ़ाई शुरू हो ही चुकी है है तो पर्चे भी आगे हिंदी में ही बनेगे तो क्यों ना इस काम की शुरुआत अभी से कर दी जाये। उनका कहना है की मातृ भाषा में पर्चा लिखने का सबसे बड़ा फायदा आम मरीजों को होगा जो समझ सकेंगे की उन्हें क्या दवाये दी गईं है। डॉ रघुवंशी का कहना है की हिंदी में पर्चा लिखने में उन्हें अंग्रेजी की तुलना में ज्यादा लगा है। उनने उम्मीद जाहिर की है की धीरे-धीरे यह रूटीन में आ जायेगा। इसके आलावा उन्होंने दूसरे डॉक्टरो से हिंदी में पर्चा लिखने की अपेक्षा की है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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