अशोकनगर, हितेंद्र बुधोलिया| यूं तो अक्सर झाड़ियों में सड़क किनारे या सूनसान इलाको में छोटे बच्चो के मिलने की घटनाये सामने आती रही है। इसी को ध्यान में रखकर सरकार ने पालना योजना चलाई थी । ताकि जो लोग छोटे और नवजात बच्चो को लावारिस अवस्था में मरने के लिए छोड़ जाते है, उन्हें पाला पोसा जा सके। सोमबार रात 7:30 बजे अशोकनगर के दीक्षा शिशु गृह के बाहर लगे पालने में एक अज्ञात व्यक्ति करीब एक माह की बच्ची को छोड़कर घंटी बजा कर भाग गया। अभी बच्ची शिशु गृह की देखरेख में है। जिसका प्राथमिक उपचार कर बाल कल्याण समिति के माध्यम से विधिक कार्यवाही शुरू कर दी है।
दीक्षा शिशु ग्रह के प्रबंधक भूपेंद्र रघुवंशी ने बताया कि शिशु गृह के बाहर एक पालना लगाया गया और उसके पास पालना घण्टी लगी है । शाम 7:30 बजे जब यह घंटी बजी तो शिशु गृह की कर्मचारी ने बाहर आकर देखा तो 1 बच्ची पालने में रखी हुई थी। कोई व्यक्ति जो कंबल ओड कर आया था वह इस बच्ची को यहां छोड़ कर चला गया। कड़कड़ाती सर्दी में शीघ्र ही बच्ची को सुरक्षित किया गया एवं स्वास्थ्य परीक्षण के लिये अस्पताल ले जाया गया।बच्ची का वजन सामान्य से कम है इसलिय कुछ जांचे की जा रही है। शिशु गृह के प्रबंधक भूपेंद्र रघुवंशी का मानना है कि लगातार पालना योजना के प्रचार करने के कारण यह संभव हुआ है, कि बच्ची को सुरक्षित हमारे पास कोई छोड़ गया। अन्यथा अभी तक छोटे बच्चो को लोग लावारिस ही छोड़ रहे थे।
इस मामले को लेकर बाल कल्याण समिति की सदस्य मुक्ति परमार का कहना है कि यह बड़ा मामला है। जब से शासन ने पालना योजना शुरू की है ,उसके बाद से इंदौर के बाद पालने में बच्ची रखने का संभवत अशोकनगर का यह मामला प्रदेश का दूसरा प्रकरण है। मुक्ति परमार ने बताया कि इस मामले में जो कानूनी प्रक्रिया है उस के तहत अभी 60 दिन तक इस बच्ची के जैविक माता पिता की खोज की जाएगी। अगर दो माह तक वह नही मिलते तो इस बच्ची को लीगल फ्री घोषित किया जाएगा।इसके बाद बच्ची गोद लेने के इच्छुक लोगो को इस बच्ची को गोद देने की कार्यवाही की जाएगी।