आतंक का पर्याय बन चुका देवीसिंह बुंदेला को पुलिस ने किया गिरफ्तार, विधायक भी थे खौफजदा

अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। जिले के चंदेरी एवं समीपस्थ उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में रंगदारी एवं दूसरे अपराधों के द्वारा आतंक का पर्याय बन चुके देवी सिंह बुंदेला को बीते दिनों पुलिस ने उत्तर प्रदेश के टोरिया गांव से गिरफ्तार कर लिया है। 19 तारीख को ही पकड़े गए आरोपी ने चंदेरी निवासी नितिन जैन के साथ मारपीट की थी और 5 लाख रुपय की रंगदारी की मांग की थी। इसके पहले चंदेरी विधायक गोपाल सिंह चौहान भी इस अपराधी से खुद की जान को खतरा बता चुके थे। 2 दिन पहले भी विधायक ने इसके बढ़ते आतंक को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी ।इसके बाद हत्या एवं लूट सहित करीब 20 अपराधों में लिप्त देवीसिंह एवं इसके एक साथी को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। अशोकनगर पुलिस ने इस पर 10 हजार का इनाम घोषित किया था।

पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने बताया कि एसडीओपी चंदेरी के नेतृत्व में वहां की स्थानीय पुलिस एवं साइबर सेल की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिस को न्यायालय में पेश कर पीआर की मांग की जा रही है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने जिले में चार लूट की वारदातें स्वीकार किया है, जिसमे कुछ अन्य लोगों के भी शामिल होने की जानकारी मिली है। जिन्हें गिऱफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा। देवी सिंह पर लोगों को डरा धमका कर पैसा मांगने के आरोप पहले भी लग चुके हैं। चंदेरी क्षेत्र में देवी सिंह का आतंक कुछ दिनों से बढ़ता ही चला जा रहा था। 19 तारीख हुई घटना के बाद विधायक गोपाल सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसके बाद आरोपी को पकड़ने का दवाब पुलिस पर आया। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि विधायक द्वारा खुद को मारने वाले के आरोप पर भी आरोपी देवीसिंह से पूछताछ की है,जिसमे उसने इस तरह की बात से इनकार किया है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।