अशोकनगर| हितेंद्र बुधोलिया| कांग्रेस (Congress) की सरकार गिराने के ढाई महीने बाद जिले के दो पूर्व विधायको जजपाल सिंह जज्जी (Jajpal Singh Jajji) एवं ब्रजेन्द्र यादव (Brijendr Yadav) ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कांग्रेस सरकार में सिंधिया समर्थक विधायकों के कामो पर रोक लगा दी थी। साथ ही उनके नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपेक्षा की जा रही थी इसलिय उन्होंने 22 मंत्री विधायको के साथ इस्तीफा दे दिया था।
पूर्व विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी और सरकार द्वारा लगातार उनकी उपेक्षा की जा रही थी साथ ही उनके नेता सिंधिया का अपमान किया जा रहा था इसी से व्यथित होकर और जनहित के कार्य नहीं किए जाने की वजह से उन्होंने कमलनाथ सरकार से इस्तीफे दिए थे ।
श्री जज्जी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से श्री सिंधिया एवं उनके समर्थक विधायकों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है जिसकी सच्चाई बताने के लिये वह मीडिया के सामने आये है। उन्होंने कहा कि 12 माह की कमलनाथ सरकार के दौरान उसी पार्टी के एक विधायक के विधानसभा क्षेत्र में 72 गांव की सड़कों को बनवाने की लिस्ट दी जाए और कुल 6 किलोमीटर की सड़कें स्वीकृत हो पाई हो तो फिर ऐसे विधायक रहने से क्या फायदा। क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए हमने लोगों से वादे किए थे। लेकिन 12 माह में सिर्फ सिंधिया समर्थक विधायक होने के नाते हमारी उपेक्षा की गई, और हमारे द्वारा सुझाए गए कार्य नहीं किए गए। लोगों ने हमें बड़ी उम्मीद से चुना था जिससे क्षेत्र में विकास कार्य हों, लोगों के काम हों लेकिन बार-बार मुख्यमंत्री से कहने के बाद भी ना तो लोगों के काम हुए और ना ही क्षेत्र में विकास कार्य इस कारण सिंधिया समर्थक सभी विधायकों ने इस्तीफे दिए । वही दूसरी तरफ लगातार श्री सिंधिया को अपमानित किया जा रहा था इस कारण श्री सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि शहर में तुलसी सरोवर के सौंदर्यीकरण के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष 11 करोड़ रुपए की योजना का प्रस्ताव रखा । लगातार सचिवालय में अधिकारियों के चक्कर लगाए नगरीय प्रशासन मंत्री से मुलाकात की बैठकों के दौर चले और उसी योजना को घटाकर 5 करोड़ रुपए की कर दिया गया इस पर भी मैं यह सोचकर सहमत हो गया कि चलो अगले बार और राशि स्वीकृत करा ली जाएगी उस योजना के टेंडर आमंत्रित करने के बाद जब मैंने अधिकारियों से बार-बार पूछा तो उन्होंने कहा कि आपकी इस योजना को निरस्त कर दिया गया जिस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए मैंने इतनी मेहनत की उसको अपनी ही सरकार ने निरस्त कर दिया |
इसी तरह एक ट्रांसफर को लेकर भी उन्होंने वाकया सुनाया कि एक विधायक का मुख्यमंत्री से कहने पर भी अगर एक ट्रांसफर नहीं होता वह भी मुख्यमंत्री को यह बताने पर कि यह मेरा मित्र काम है, तो ऐसी सरकार में और ऐसे विधायक रहने से क्या फायदा।इन्ही सब बातों को लेकर हमने कांग्रेस छोड़ी और विधानसभा से इस्तीफा दिया। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ कोंग्रेस छोड़ कर आये कुछ नेता भी मौजूद रहे।