किले के खंडहर में खजाने की खोज में मिली जैन तीर्थंकर शान्तिनाथ भगवान की मूर्ति

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अशोकनगर, हितेन्द्र बुधोलिया। अशोकनगर जिले के प्रसिद्ध करीला के जानकी माता मंदिर के पास स्थित गढ़पहरा के खंडहर में शांतिनाथ भगवान की करीब मूर्ति मिली है। करीब 7-8 फिट लंबी यह मूर्ति खुदाई के दौरान मिली है। माना जा रहा है कि दफीना की खोज में यह मूर्ति खंडहर में मिली है। यहां पिकनिक मनाने पहुंचे बमोरी साला के सोनू कुशवाह एवं पुरुषोत्तम रोहले ने सबसे पहले इस मूर्ति को देखा और उन्होंने जैन समाज सहित आसपास के लोगों को इसकी इत्तला दी।

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इसके बाद अशोकनगर से विद्या नवयुवक मंडल के सदस्यों ने इस मूर्ति को जाकर देखा है। गढ़पहरा का खंडहर किसी जमाने में पिंडारियों का किला होता था। बीती आधी सदी से खजाने के लालच में इस खंडहर को सैकड़ों बार खुदा जा चुका है। माना जा रहा है कि दफीना खोदने के दौरान ही यह बड़ी मूर्ति मिली है। विद्या नवयुवक मंडल के सदस्य अरुण जैन “लड्डू” का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि गढ़पहरा में जैन भगवान की मूर्ति मिली है।जाकर देखा तो यह शांतिनाथ भगवान की मूर्ति है। जिसकी साफ-सफाई मंडल के सदस्यों के द्वारा की है, साथ ही इस मूर्ति को अशोकनगर लाए जाने का प्रबंध किया जा रहा है। उनका कहना है कि अभी यह तय नहीं हो पा रहा कि यह मूर्ति कितनी प्राचीन है।इस के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाएगी।

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इस मूर्ति को सबसे पहले देखने एवं लोगों को इसकी सूचना देने वाले बमोरी साला के सोनू कुशवाहा का कहना है, कि वह अपने मित्र के जन्मदिन की पार्टी मनाने के लिए यहां आए थे, तभी देखा कि खंडहर की पिछली साइट एक बड़ा पत्थर डाला हुआ है। पास मे जाकर देखा तो यह जैन भगवान की मूर्ति थी। क्योंकि वह यह नहीं तय कर पा रहे थे कि यह कौन से भगवान की मूर्ति है इसलिए उन्होंने जैन समाज के लोगों को इसकी सूचना दी। उनका कहना है इतनी बड़ी मूर्ति है,कि दो-चार लोगों के द्वारा इसका उठा पाना मुश्किल है। इसलिए माना जा सकता है कि दफीना की खुदाई के दौरान कम से कम 8-10 लोग होंगे, क्योकि गड्डे में से इस मूर्ति को बाहर निकाला गया है।
गौरतलब है कि अंग्रेजों के जमाने में पिंडारी उनके खजाने एवं दूसरी चीजों को लूट कर इसी किले में छुपाया करते थे।मगर आजादी के बाद अंग्रेजों के साथ पिंडारी भी खत्म हो गये।पर स्थानीय लोगों का मानना है कि इनका खजाना आज भी इस खंडहर नुमा कला में है। इसलिए लंबे समय से इसकी खुदाई चल रही है। अभी भी यहां छोटे-छोटे गड्डे खुदाई के देखे जा सकते हैं


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Harpreet Kaur

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