अशोकनगर| गुना संसदीय क्षेत्र के भाजपा सांसद डॉक्टर के पी यादव के खिलाफ दर्ज किए गए धोखाधड़ी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आज अखिल भारतीय यादव महासभा ने सांसद के पक्ष में एक ज्ञापन प्रशासन को सौंपा है। जिसमें प्रशासन द्वारा सांसद को बिना सुने जाति प्रमाण पत्र निरस्त का आरोप लगाया है साथ ही यादव समाज ने f.i.r. को भी निरस्त करने की मांग की।इसी बीच सोशल मीडिया पर सांसद के पी यादव को ग्वालियर हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में स्टे की राहत मिलने की सूचना वायरल हो रही है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों क्षेत्रीय सांसद डॉ के पी यादव एवं उनके बेटे सार्थक यादव पर कोतवाली थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था ।कुछ दिन पहले ही मुंगावली एसडीएम ने जाति प्रमाण पत्र में असत्य जानकारी पाए जाने पर दोनो के क्रीमीलेयर के बाहर के जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिये थे ।
सांसद श्री यादव पर मामला दर्ज होने के बाद ही भाजपा एवं तमाम दूसरे संगठन आक्रामक रूप से विरोध में उतर आए हैं। इन लोगों ने कोंग्रेस सरकार एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगाए है,कि सांसद को षड्यंत्र में फंसाने के लिए या f.i.r. की गई है। आज अखिल भारतीय यादव महासभा ने एक ज्ञापन प्रशासन को सौंपा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि सांसद के पी यादव संसद जे शीतकालीन सत्र में दौरान जब दिल्ली में उसी समय यह उन्हें सुनवाई का अवसर दिये बगैर ।जल्दबाजी में प्रशासन ने यह एक तरफा कार्यवाही की है। अखिल भारतीय यादव महासभा ने राज्यपाल के नाम प्रशासन को दिये ज्ञापन में मांग की है की सांसद पर दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया जाए ,साथ ही चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें आंदोलन की राह पर जाना पड़ेगा।