MP Tourism : इंदौर में है एशिया की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा, आकर्षक श्रृंगार करने में लगता है 15 दिन का समय

MP Tourism

MP Tourism : मध्य प्रदेश का दिल इंदौर आनंद और उल्लास का शहर है। यहां दूर-दूर से लोग घूमने और खाने के लिए आते हैं। इस शहर में कई सारे प्राकृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल मौजूद है। जहां की मान्यता काफी ज्यादा है। इतना ही नहीं सबसे ज्यादा धार्मिक स्थलों पर भीड़ देखने को मिलती है।

अगर आप ही इंदौर आने का प्लान कर रहे हैं, आप यहां के प्रसिद्ध मंदिरों का दीदार कर सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भगवान की प्रतिमा के श्रृंगार में करीब 15 दिन लग जाते हैं। इस मंदिर का नाम है बड़ा गणपति मंदिर। चलिए जानते हैं इसकी क्या विशेषताएं हैं और क्या इतिहास है।

MP Tourism : विश्व विख्यात है बड़ा गणपति मंदिर

इंदौर का बड़ा गणपति मंदिर विश्व विख्यात है। यहां दूर-दूर से पर्यटक घूमने के लिए और भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए आते हैं। ये मंदिर इंदौर के एयरपोर्ट से 3 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर को बड़ा गणपति इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां भगवान गणेश की प्रतिमा काफी बड़ी है। इसे एशिया में सबसे बड़ी प्रतिमा माना जाता है। क्योंकि यह 25 फुट ऊंची है।

इस मंदिर का निर्माण उज्जैन के रहने वाले एक पंडित नारायण नहीं करवाया था। दरअसल उन्हें एक सपना आया था जिसके बाद उन्होंने इस मंदिर को बनवाने का निर्णय लिया। इस मंदिर की प्रतिमा को बनाने के लिए करीब 3 साल का वक्त लगा था। राजस्थान के कारीगरों ने इस मंदिर में लगी प्रतिमा को बनाकर तैयार किया।

आज भी इस मंदिर में प्रतिमा को सवा मन की और संदूर का चोला चढ़ाया जाता है। इतना ही नहीं सभी नदियों के जल का उपयोग इस मंदिर में किया जाता है। वहीं प्रतिमा का 15 दिन में पूरा होता है। ऐसे में साल भर में 4 बार प्रतिमा का श्रृंगार अनोखे रूप में किया जाता है। प्रतिमा का श्रृंगार करने के लिए करीब 12 से 15 लोगों की टीम लगती है।

खास बात ये है कि काशी, अयोध्या और अवंतिका के साथ मथुरा, घुड़साल, हाथीखाना और गौशाला की मिट्टी का इस्तेमाल कर इस प्रतिमा को बनाया गया है। इसके अलावा हीरा, पन्ना, पुखराज, मोती, माणिक के साथ ईंट, बालू, चूना और मेथी के दाने का भी इस्तेमाल प्रतिमा में किया गया। वहीं कान, हाथ और सूंड के लिए सोने और चांदी, तांबा और पैरों के लिए लोहे के सरियों का इस्तेमाल किया गया है।


About Author
Avatar

Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं। मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

Other Latest News