बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर दूसरी पैदल यात्रा की घोषणा की है। यह 131 किमी की यात्रा 7 नवंबर से शुरू होगी और दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के मथुरा तक जाएगी। 10 दिन की इस यात्रा में लाखों लोग शामिल होने की उम्मीद है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पानीपत के कपड़ा नगर में श्री हनुमंत कथा के दौरान इस यात्रा का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उनका मकसद गरीब और दीन-हीन लोगों तक पहुंचना है, जो किराए की कमी के कारण बागेश्वर धाम नहीं आ पाते। यह यात्रा 400 गांवों और नगरों से होकर गुजरेगी, जहां 5 करोड़ की आबादी रहती है। शास्त्री ने कहा, “बड़े लोग VIP प्रोटोकॉल के साथ आते हैं, लेकिन गरीब हमसे मिल नहीं पाते। हम पैदल चलकर उनके घर जाएंगे और उन्हें गले लगाएंगे।”

हिंदू राष्ट्र के लिए पैदल यात्रा का मकसद
धीरेंद्र शास्त्री की यह 10 दिन की पैदल यात्रा हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए है। उनकी पहली सनातन हिंदू एकता यात्रा, जो 160 किमी लंबी थी, पिछले साल नवंबर में निकली थी। उसमें लाखों हिंदू, व्यास पीठ, राजपीठ, फिल्म जगत, उद्योगपति, समाजसेवी और विदेशों में रहने वाले हिंदू शामिल हुए थे। अब, लगभग एक साल बाद, शास्त्री ने दूसरी यात्रा की घोषणा की है। यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 400 गांवों और नगरों से होकर गुजरेगी, जहां 5 करोड़ लोग रहते हैं। उनका लक्ष्य हिंदुओं को एकजुट करना और गरीबों तक पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनना है।
शास्त्री का संदेश
पानीपत की कथा के मंच से शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। बिना किसी समुदाय का नाम लिए उन्होंने कहा, “हलिउल्लाह वाले कान खोलकर सुन लो, हम हिंदू हैं। गोली खा लेंगे, सिर कटा लेंगे, लेकिन अपनी मान्यताएं नहीं छोड़ेंगे। तुम 10 रुपये के लिए दुकान का नाम बदल लेते हो, हम सुधरने वाले नहीं।” उन्होंने कहा कि जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बनता, वह हिंदुओं को आंदोलित करते रहेंगे। उनका यह जोशीला संदेश हिंदू एकता को मजबूत करने वाला है और यात्रा के दौरान इसे और बल मिलेगा।
सनातन हिंदू एकता यात्रा का असर
पिछली 160 किमी की सनातन हिंदू एकता यात्रा ने देश और विदेश में रहने वाले हिंदुओं को एक मंच पर लाया था। उसमें हर वर्ग के लोग, चाहे वह फिल्म जगत हो, उद्योगपति हों या समाजसेवी, सभी शामिल हुए। इस बार की 131 किमी की यात्रा भी ऐसा ही असर छोड़ने की उम्मीद है। शास्त्री की लोकप्रियता और उनके संदेश की सादगी ने उन्हें लाखों लोगों का चहेता बना दिया है। यह यात्रा न सिर्फ हिंदू राष्ट्र की मांग को बल देगी, बल्कि गांवों और छोटे शहरों में रहने वाले गरीबों को भी जोड़ेगी। 10 दिनों में 131 किमी पैदल चलना उनके समर्पण को दर्शाता है।
यह पैदल यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। शास्त्री का कहना है कि वह बिना किसी बड़े प्रोटोकॉल के, साधारण तरीके से लोगों के बीच जाएंगे। यात्रा के दौरान वह हर घर तक पहुंचने की कोशिश करेंगे, खासकर उन गरीबों तक जो बागेश्वर धाम नहीं आ पाते। 400 गांवों और नगरों से गुजरने वाली यह यात्रा हिंदू एकता का संदेश फैलाएगी और लोगों को जोड़ेगी। शास्त्री के इस कदम से हिंदू राष्ट्र की मांग को नई ताकत मिलने की उम्मीद है।