Balaghat News : पूर्व नपाध्यक्ष अनुभा मुंजारे ने पुत्र शांतनु के साथ थामा कांग्रेस का हाथ, कमलनाथ-दिग्विजय सिंह ने दिलाई सदस्यता

Balaghat News : बालाघाट जिले में विगत लंबे समय से पूर्व क्रांतिकारी नेता और नपाध्यक्ष अुनभा मुंजारे के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर 21 मई को विराम लग गया। जब महिला नेत्री अनुभा मुंजारे ने पुत्र शांतनु के साथ भोपाल में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह सहित कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस का गमछा पहनाकर उनका कांग्रेस परिवार में स्वागत किया। इस अवसर पर अनुभा मुंजारे को कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंचाने और सदस्यता दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली लांजी विधायक सुश्री हिना कावरे भी मौजूद थी।

गौरतलब है कि मुंजारे दंपत्ति का बालाघाट की राजनीति में खासा दखल है, पूर्व सांसद कंकर मुंजारे पत्नी अनुभा मुंजारे, भले ही विधानसभा और लोकसभा में जीत हासिल नहीं कर सके हो लेकिन हर चुनाव में उनकी परफारमेंस से भाजपा में हमेशा खलबलाहट रही है। चूंकि विगत लंबे समय से लोधी समाज, राजनीति रूप से स्थापित नहीं था। कभी यहां लोधी समाज से विधायक हुआ करते थे लेकिन आज लोधी समाज को किसी भी विधानसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। जिले के बाहुल्य लोधी समाज की महिला नेत्री अनुभा मुंजारे के कांग्रेस में शामिल हो जाने पर निश्चित ही इसका बड़ा असर जिले की राजनीति में पड़ेगा। हालांकि मुंजारे परिवार के सदस्य के कांग्रेस में प्रवेश के विरोध में कई कांग्रेसी है लेकिन इनके विरोधो को साईड लाईन करते हुए भविष्य में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने और लोधी बाहुल्य जिले के मतदाताओं को साधने, कांग्रेस ने जो कार्ड अनुभा मुंजारे को कांग्रेस में लाकर खेला है, उससे निश्चित ही जिले की राजनीति से अलग-थलग पड़े लोधी समाज को अनुभा मुंजारे से एक ताकत मिलेगी। वहीं युवा शांतनु कुमार को भी राष्ट्रीय दल से जुड़कर कार्य करने का अनुभव मिलेगा।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”