बालाघाट पुलिस की कार्रवाई, साढ़े 11 किलो गांजे के साथ दो आरोपी और गांजा सप्लायर गिरफ्तार

बालाघाट, सुनील कोरे। शहर में मादक पदार्थ गांजा की आमजन की बढ़ती लत और विक्रय की सूचना को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर गत मादक पदार्थ गांजा के व्यवसाय में लिप्त दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही उन्हें गांजा की सप्लाई करने वाले महाराष्ट्र गोंदिया के बसंत नगर निवासी सप्लायर को भी गिरफ्तार किया है। कोतवाली पुलिस ने शहर में गांजा व्यवसाय करने वाले वार्ड क्रमांक 10 पुराना मटन मार्केट निवासी आरोपी फिरोज पिता मेहताब खान से 6 किलोग्राम और दर्री तालाब निवासी कमलेश पिता बुद्धराम बर्वे से 5 किलो 500 ग्राम गांजा बरामद किया है।

मामले में सीएसपी कर्णिक श्रीवास्तव ने प्रेस को बताया कि पुलिस को लगातार मुखबिर से सूचना मिल रही थी कि शहर में मादक पदार्थ गांजा का विक्रय कर आमजन को नशे की लत लगाई जा रही है, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कोतवाली थाना प्रभारी मंशाराम रोमड़े के नेतृत्व में टीम गठित की गई। मुखबिर द्वारा दी गई सूचना के आधार पर शहरी क्षेत्र में गांजा विक्रय कर रहे फिरोज खान और कमलेश बर्वे के पास से 11 किलो 500 ग्राम गांजा बरामद किया गया। जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 1 लाख 15 हजार रूपये है। सीएसपी श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी आदतन है, जो पूर्व में भी अपराध में लिप्त रहे है। जिनसे पूछताछ में आरोपियों को गांजा सप्लाई करने वाले गोंदिया के बसंत नगर निवासी गोविंद पिता रामलाल अग्रवाल को मादक पदार्थ गांजा की सप्लाई मामले में गिरफ्तार किया गया है। जिनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट 8/20 के तहत अपराध कायम कर जांच में लिया गया है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।