बालाघाट, सुनील कोरे। बालाघाट (Balaghat) में आरक्षी केन्द्र भरवेली के मामले में बेटी के साथ दुष्कर्म (rape) करने के आरोपी पिता को माननीय विशेष न्यायाधीश (पॉस्को एक्ट) आनंदप्रिय राहुल की अदालत ने आजीवान कारावास और 14 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है। मामले में अभियोजन की ओर से प्रभारी जिला लोक अभियोजन अधिकारी सरिता ठाकुर ने की थी।
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अभियोजन अधिकारी रीता यादव ने बताया कि 19 अगस्त 2019 के करीब एक साल पहले की बात है। बेटी की मां लकड़ी लेने जंगल गई थी। तब दोपहर में बेटी और पिता घर पर थे। इस समय पिता रामसिंह उर्फ खुमानसिंह ने बेटी का हाथ पकड़कर बिस्तर पर पटक दिया और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया, जब बेटी ने इसका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट कर जबरदस्ती दुष्कर्म कर इसकी जानकारी देने पर काटकर फेंक देने की धमकी दी। जिससे डरी बेटी ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी यह बात किसी को नही बताई। जिसके बाद भी लगातार जब भी पत्नी बाहर मजदूरी करने जाती थी, जिसका फायदा उठाकर रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना में कलियुगी पिता अपनी बेटी से दुष्कर्म करता रहा। जब पीड़िता नाबालिग बेटी को लगा कि वह गर्भवती है तो उसने इसकी जानकारी पिता को दी। जिसे जानने के बाद पिता ने अनसुना कर दिया।
जब रक्षाबंधन में पीड़िता के मामा घर आये और जब मां और मामा घर पर थे, उसी दौरान उसके पेट में दर्द होने लगा और उसका गर्भपात हो गया। जिसके बाद नर्स को बुलाया गया। जहां से नर्स की सलाह पर मृत पैदा हुए बच्चे और पीड़िता को उपचारार्थ जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जिसके बाद मामले पुलिस तक पहुंचा, जहां पीड़िता ने अपने पिता रामसिंह उर्फ खुमानसिंह के खिलाफ थाना भरवेली में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें पुलिस ने मामला पंजीबद्व कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया था। जिसमें सुनवाई चल रही थी।
गत दिवस मामले की अंतिम सुनवाई में फैसला देते हुए बालाघाट न्यायालय माननीय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) आनंदप्रिय राहुल की अदालत ने मंडला जिला अंतर्गत बम्हनी निवासी 52 वर्षीय आरोपी रामसिंह उर्फ खुमान सिंह पिता सुखराम परते को धारा 376(2) (एफ) (आई) एवं 376(2)(एन) भा.द.वि. एवं धारा 5(एन), 5(एल), 5(जे), (पप)/6 पॉक्सो एक्ट में दोषी पाते हुए सश्रम आजीवान कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड, धारा 323 में 1 वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रूपये, धारा 506 भाग-2 भादवि में 07 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 3000 रूपये अर्थदण्ड से दंडित करने का फैसला दिया है। वहीं राज्य शासन को पीड़िता को प्रतिकर राशि के रूप में कि 6 लाख रूपये अदा करने का आदेश दिया है।