Gaurishankar Bisen Viral Video: अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले एमपी के पूर्व मंत्री, वरिष्ठ भाजपा विधायक और मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन (Gaurishankar Bisen) एक बार फिर चर्चाओं में है। इसका कारण सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल होना है, जिसमें वे बालाघाट आरटीओ को ना सिर्फ गाली बल्कि फांसी पर चढ़ाने की भी धमकी दे रहे है। सोशल मीडिया पर उनका यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
यह वीडियो बालाघाट के लालबर्रा थाने की बैठक का बताया जा रहा है, जिसमें वे पुलिस विभाग और परिवहन अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए जमकर बरसे। इतना ही नहीं उन्होंने आरटीओ अधिकारी को सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में हरामखोर तक कह डाला।बता दे कि वर्तमान में बालाघाट के आरटीओ अधिकारी अनिमेष गढ़पाल है, जो अनुसूचित जनजाति से आते है।
वही जिले में लगातार हो रहे सड़क हादसे को लेकर परिवहन अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बालाघाट विधानसभा (Balaghat Assembly) में 75 प्रतिशत ट्रैक्टर चालक बिना लायसेंस के ट्रैक्टर चलाते हैं। इसके साथ ही बस की हालात भी खराब हैं। ऐसे अधिकारी जो ध्यान नहीं दे रहा है, इसके लिये परिवहन मंत्री को फोन करके और पत्र लिख कर ट्रांसफर करने कहा है।पूर्व मंत्री ने पुलिस विभाग को भी जमकर कोसा और कहा कि पुलिस विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा है। सिर्फ सुबह से रोड और चौक पर निकल कर पर्ची काटने लगते हैं और अपनी जेबे भर रहे हैं।
इस वायरल वीडियो पर कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा है कि BJP के वरिष्ठ नेता गौरीशंकर बिसेन यानी अभद्रता के पर्याय!! जनजाति के एक अधिकारी के खिलाफ उन्होंने जिस शब्दावली का सार्वजनिक मंच से उपयोग किया है,क्या उनके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत FIR दर्ज होगी..? अपमानित अधिकारी से आग्रह है कि वे अपने सम्मान के लिए FIR कराएं।
पहले भी दे चुके है कई बयान
यह पहला मौका नहीं है इससे पहले भी बिसेन अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रह चुके है।हाल ही में छिंदवाड़ा बालाघाट दौरे के दौरान पूर्व मंत्री बिसेन ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है ती कि राशन के दुकानों में गेहूं का आवंटन नहीं हुआ तो वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इसकी शिकायत करेंगे। उन्होंने राशन दुकानों में गेहूं की उपलब्धता के लिए राज्य सरकार को एक सप्ताह की चेतावनी दी है और कहा कि यदि सप्ताह भर में गेहूं की उपलब्धता के लिए केन्द्र से बातचीत नहीं की गई तो वे सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिकायत करेंगे।
BJP के वरिष्ठ नेता गौरीशंकर बिसेन यानी अभद्रता के पर्याय!! जनजाति के एक अधिकारी के खिलाफ उन्होंने जिस शब्दावली का सार्वजनिक मंच से उपयोग किया है,क्या उनके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत FIR दर्ज होगी..? अपमानित अधिकारी से आग्रह है कि वे अपने सम्मान के लिए FIR कराएं। @OfficeOfKNathpic.twitter.com/y8Uhw6IFZT
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)