घटिया चावल मामला: ईओडब्ल्यु ने नॉन अधिकारियों और मिलर्स पर दर्ज किया धोखाधड़ी का मामला

बालाघाट, सुनील कोरे| मध्यप्रदेश के बालाघाट एवं मंडला जिले में चावल घोटाले मामले में ईओडब्ल्यु भोपाल ने प्रारंभिक जांच में मंडला एवं बालाघाट जिले के मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के अधिकारियों एवं मिलिंग करने वाले मिलर्स द्वारा अपराधिक षडयंत्र रचकर शासन को जमा किये जाने वाले चावल के स्थान पर अपमिश्रित (मिलावटी) एवं निम्न मानक गुणवत्ता का चावल जमा करने के आरोप, प्रमाणित पाये जाने पर अधिकारियों और मिलर्स पर धोखाधड़ी और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है। इस मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ एसपी देवेन्द्र प्रतापसिंह राजपूत के अनुसार अधिकारियों और मिलिंग से संबंधित व्यक्तियों पर धारा 420, 272, 120 बी भादंवि एवं धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम का अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया है।

भोपाल आर्थिक अपराध अपराध प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के अनुसार फरवरी 2020 से मध्यप्रदेश शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, संबंधित प्राथमिक/विपणन सहकारी समितियों के माध्यम से पंजीकृत किसानों से की गई। धान को कस्टम मिलिंग के लिए जिले में पंजीकृत राईस मिलो को प्रदाय किया गया। संबंधित मिलरों द्वारा उक्त धान को मिलिंग पश्चात मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के माध्यम से पंजीकृत गोदामो में जमा किया गया। उक्त जमा गोदामों का निरीक्षण केन्द्रीय समिति द्वारा किया गया। निरीक्षण के दौरान केन्द्रीय समिति द्वारा चावल के सैंपल लेकर उनकी जांच कराई गई। जिसकी जांच में यह पाया गया कि जमा किये गये चावल के सैंपल जो मिलर्स के मिलों से जमा कराये गये थे, वह अपमिश्रित (मिलावटी) है तथा चावल को रखने वचाले बारदाने 2 से 3 वर्ष पुराने है। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम जांच में यह तथ्य भी सामने आये कि कुल मिलर्स द्वारा क्षमता से अधिक धान प्राप्त की गई है एवं अपने नाम पर धान लेकर अन्य मिल से कस्टम मिलिंग कराई गई है। कस्टम मिलिंग के दौरान मिलर्स द्वारा अन्य प्रदेशो से भी धान एवं चावल प्राप्त कर मिलिंग की गई है जो संदिग्ध है, कस्टम मिलिंग का धान जमा करते समय गुणवत्ता निरीक्षकों द्वारा बिना सम्यक गुणवत्ता जांच किये चावल को गोदामों में जमा कराया गया तथा जमा किये गये चावल की जांच नियमानुसार जिला प्रबंधक और क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा भी नहीं की गई है। गौरतलब हो कि सितंबर में 51 दलों ने 1021 सैंपल जांच के लिए लिये थे। चावल की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए भारतीय खाद्य निगम एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 51 संयुक्त दल बनाए गये थे। जिन्होंने दोनों जिलों से चावल के 1021 सैंपल लिए थे। प्रारंभिक जांच के परिणाम स्वरूप इनमें से 57 सैम्पल निर्धारित गुणवत्ता विहीन पाये गये थे।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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