बैतूल में अटल सेना ने मनाया अंतराष्ट्रीय महिला दिवस, बर्तन मांजने वाली युवती का किया सम्मान

बैतूल में अटल सेना द्वारा गंज रामकृष्ण धर्मशाला में विश्व महिला दिवस के उपलक्ष में सम्मान समारोह का किया गया आयोजन। पढ़ें विस्तार से...

Betul News : मध्य प्रदेश के बैतूल में आज अटल सेना द्वारा विश्व महिला दिवस के उपलक्ष में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें घर- घर जाकर बर्तन मांजने का काम करने वाली युवती का फूल- माला, साल- श्रीफल एवं पैर पखार का सम्मानित किया गया। अटल सेना अध्यक्ष राजेंद्र सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व महिला दिवस 8 मार्च का है परंतु 8 मार्च को होली के कारण यह आयोजन 5 मार्च को किया जा रहा है। इस आयोजन में दो दिव्यांग बहने हैं, जिनकी हाइट काफी कम है पर उनका हौसला बढ़ा है।

परिवार का सहारा

आसमान को छूने का ऐसी उन बहनों का आज यहां पर सम्मान किया गया है जो कि 10 साल से बैतूल में किराए के मकान में रह रही है और लोगों के घरों में बर्तन धोने का काम करती है। यह दोनों बहनें अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करती हैं। इनके माता- पिता गांव में रहते हैं। पिता लगभग 75 वर्ष और माता 65 वर्ष की है। उनके भी दवाई पानी एवं पालन पोषण का सहारा बनी है। ऐसी दोनों बहने का सम्मान करके खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

सम्मानित होकर खुश हुई चंद्रकला

सम्मान पाकर खुश चंद्रकला ने बताया है कि उनकी उम्र 17 वर्ष है और वह घरों में बर्तन धोने का काम करती है। वो भीमपुर चिचोली की रहने वाली है। उनके परिवार में चार लोग हैं। मां, पिताजी, उनकी बहन और वह खुद जो बैतूल में किराए के मकान में रहती है जो कि आज सम्मान पाकर खुश नजर आई। चंद्रकला अब चाहती है कि वह आगे चलकर उनको मकान बनाने के लिए थोड़ी सी जगह मिल जाए और मकान बन जाए। आगे चंद्रकला ने बताया कि वह अभी 4 से 5 हजार रुपए महीना कमाती है। इतने पैसों में चंद्रकला और उनके परिवार का किराया एवं पालन पोषण हो जाता है। उनका सपना है कि उनका खुद का मकान हो।

8 मार्च को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को महिलाओं के सम्मान, उनके समाज में योगदान और उनकी समस्याओं को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए विशेष महत्व दिया जाता है।

1911 में मनाया गया पहली बार

यह दिन पहली बार 1911 में मनाया गया था, जब ऑस्ट्रेलियाई महिला सेलेब्रेट हेलेना स्वॉनविक ने इस दिन को महिलाओं के लिए राष्ट्रीय दिन के रूप में चुना था। इसके बाद से, यह दिन विभिन्न देशों में मनाया जाने लगा है और आज यह एक अंतर्राष्ट्रीय उत्सव बन गया है। इस दिन को भारत में भी मनाया जाता है और इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन को महिलाओं के अधिकारों, समाज में उनके समान अधिकार के लिए आवाज उठाने और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए संबोधन दिए जाते हैं।

बैतूल से वाजिद खान की रिपोर्ट