बैतूल/वाजिद खान
बैतूल में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ADJ) महेंद्र कुमार त्रिपाठी एवं उनके युवा पुत्र अभियनराज उर्फ मोनू त्रिपाठी की मौत फूड पॉयजनिंग नहीं बल्कि जहर से हुई है। इस बात का खुलासा पीएम रिपोर्ट आने के बाद हुआ है। इस मामले में पुलिस को कुछ और भी सबूत मिले हैं जिसके आधार पर एक महिला सहित 5 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि 20 जुलाई को एडीजे और उनके दो बेटों की खाना खाने के बाद तबियत खराब हुई थी। 26 जुलाइ को एडीजे महेंद्र त्रिपाठी की इलाज के दौरान एलिक्सिस अस्पताल नागपुर में मृत्यु हो गयी थी जबकि उनके एक पुत्र ने अस्पताल पहुचने से पहले ही दम तोड़ दिया था। इस घटना से शहर में हड़कंप मच गया था। बताया जा रहा है कि एक महिला ने जज को किसी प्रकार का आटा दिया था और कहा था कि इसे घर के आटे में मिला देना। इसी आटे से बनी रोटियां घटना वाले दिन सबने खाई थी। मजिस्ट्रेट और उनके दो पुत्रों ने चपाती खाई थी जबकि पत्नी ने चपाती नहीं चावल खाया था, जिस कारण वो बच गईं। अब पुलिस महिला समेत बाकी संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर रही है और उम्मीद है कि मामले में जल्द ही कुछ नए खुलासे होंगे।