बैतूल : खाना न मिलने से महिला ने लगाई फांसी, पति लगा रहा था राशन दुकान के चक्कर

Amit Sengar
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बैतूल,वाजिद खान। बैतूल के पारदी ढाना में एक पारदी विवाहिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह भीख मांगकर गुजारा करती थी। आत्महत्या की वजह भीख का न मिलना बताया जा रहा है। उसका पति भी दो दिन से राशन की दुकान के चक्कर लगा रहा था। लेकिन उसे राशन नही मिला। वह घर लौटा तो पत्नी फांसी पर लटकी हुई थी।

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बैतूल : खाना न मिलने से महिला ने लगाई फांसी, पति लगा रहा था राशन दुकान के चक्कर

ज्ञातव्य है कि 22 साल की  रिंकी पारदी की ढाई साल पहले ही राजकुमार से शादी हुई थी। उसका 17 महीने का बच्चा भी है। महिला का पति राजकुमार आज राशन लेने बैतूल से चौथिया गया था। जब बैतूल लौटा तो रिंकी की लाश फांसी पर लटकी हुई थी। बताया जा रहा है कि हफ्ते भर से दोनो को भरपेट खाना नही मिल रहा था।

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रिंकी के पति राजकुमार के मुताबिक उसकी पत्नी भीख मांगने जाती थी। लेकिन भीख में खाना नही मिल रहा था। इसलिए उसने फांसी लगा ली। हफ्ते भर से खाने की परेशानी चल रही थी। हफ्ते भर से भरपेट खाना नही खाया था। एक रोटी को आधी आधी खा लेते थे। मजदूरी कोई देता नही है।इसलिए काम भी नही कर पा रहै थे। चौथिया का राशन कार्ड बना वहां भी राशन नही मिला। इधर महिला की मौत को लेकर पुलिस कारणों की जांच कर रही है। एसडीओपी बैतूल नितेश पटेल ने बताया कि महिला मानसिक तनाव में थी।आर्थिक तंगी के चलते उसने आत्महत्या की है। हालांकि महिला के शार्ट पीएम रिपोर्ट में उसके पेट मे भोजन पाया गया है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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