मेरे अधिकारों को मैं स्वयं ही प्राप्त नहीं कर सकती तो मेरा कोई हक नहीं बनता की मैं इस डिप्टी कलेक्टर की कुर्सी पर बैठकर किसी के लिए लड़ पाऊं : डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे

Amit Sengar
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Betul News : मध्य प्रदेश में बैतूल के आमला में आयोजित होने वाले कार्यक्रम की अनुमति न मिलने से नाराज डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को एक और झटका लगा है। प्रशासन ने उनके कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इससे आमला में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन खटाई पड़ गई है। इस कार्यक्रम में श्रीलंका के न्याय मंत्री समेत कई विदेशी मेहमान आने वाले थे। हालांकि निशा ने कहा कि कार्यक्रम यथावत होगा।

बता दें की गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को केंद्रीय भूमिका में रखकर 25 जून को आमला में अंर्तराष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरूस्कार देने का आयोजन होने वाला था। इसके लिए अनुमति बैतूल जिला प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है। उक्त कार्यक्रम में श्रीलंका के न्यायमंत्री 11 देशों के शांति दूत सहित थाईलेंड के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु का शामिल होना प्रस्तावित था।

कार्यक्रम आयोजन की अनुमति को लेकर मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में जिला प्रशासन ने पुलिस अधीक्षक बैतूल से विस्तृत प्रतिवेदन और अभिमत प्राप्त किया गया। बैतूल एसपी के प्रतिवेदन के आधार पर जिला दण्डाधिकारी बैतूल के अनुमोदन से अपर जिला दण्डाधिकारी बैतूल द्वारा जारी ओदश में अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म सम्मेलन एवं विश्वशांति पुरूस्कार कार्यक्रम आयोजन की अनुमति नहीं देने तथा अनुमति संबंधी आवेदन को नस्तीबद्ध करने का उल्लेख किया है।

इन कारणों से नहीं दी अनुमति

अपर जिला दण्डाधिकारी बैतूल द्वारा जारी आदेश में एसपी बैतूल के प्रतिवेदन का हवाला देकर अनुमति नहीं देने के कारण बताए गए हैं। अपर जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन का उल्लेख किया कि उक्त कार्यक्रम में श्रीलंका के न्याय मंत्री एवं 11 देशों के शांतिदूत व थाईलैण्ड के वरिष्ठ बौद्ध भिभु सम्मिलित होने वाले हैं। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति केंद्र आमला के द्वारा जो सूचना पत्र प्रस्तुत किया है। उसमें वीजा की अनुमति व प्रकृति के संबंध में प्रपत्र संलग्न नहीं किया है। साथ ही विदेशी नागरिकों की सुरक्षा श्रेणी के संबंध में शासन से दिशा निर्देश भी प्राप्त नहीं हुए है।

आदेश में उल्लेख किया है कि कार्यक्रम स्थल हवाई पट्टी आमला एयरफोर्स स्टेशन है जो कि सामरिक दृष्टि से संवेदनशील है। ऐसी स्थिति में दस्तावेजों के अभाव में विदेशी नागरिकों की उपस्थिति में 25 जून को आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरस्कार कार्यक्रम आयोजित किए जाने की अनुमति दिया जाना उचित नहीं है। एसपी बैतूल के प्रतिवेदन के आधार पर अपर जिला दण्डाधिकारी ने डॉ. गगन मलिक संस्थापक निदेशक- गगन मलिक फाउंडेशन एवं इंजी. सुरेश अग्रवाल अन्तर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति केंद्र आमला द्वारा प्रस्तुत अनुमति के आवेदन को नस्तिबद्ध कर दिया है।

इस्तीफा दे चुकी हैं निशा

निशा बांगरे ने गुरुवार डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है। अब इस कार्यक्रम की अनुमति न मिलने से उनका आयोजन को लेकर पूरा प्लान में खटाई पड़ गई है। हालांकि चर्चा में उन्होंने कहा कि कार्यक्रम यथावत होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने घर का उद्घाटन करना है। जिसके लिए उन्हें कोई रोक नहीं सकता। यहीं सर्व धर्म सम्मेलन भी किया जाएगा।

पत्रकारों से चर्चा में डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने इस्तीफा देने को लेकर दिया जवाब

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे बैतूल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरी जानकारी देते हुए बताया कि 25 जून 2023 को मेरे मकान का उद्घाटन आमला में होने जा रहा जिस के उपलक्ष्य में मेरे पति द्वारा और गगन मलिक फाउंडेशन के द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरस्कार का आयोजन किया जा रहा है जिस में शामिल होने के लिए शासन को मैंने पत्र लिखा था तो शासन ने पहले अनुमति देने से इनकार कर दिया जब मैंने ये दोबारा पत्र लिखा की मेरे स्वयं के मकान का उद्घाटन है और जहां भगवान बुद्ध की अस्थियां आएंगी हमारी भी सर्व धर्म की भावनाओं से एक सर्वधर्म प्रार्थना के माध्यम से हम इसकी शुरुआत करेंगे इससे मेरी पारिवारिक धार्मिक और अध्यात्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं इसलिए मैंने दोबारा अनुमति के लिए पत्र लिखा लेकिन प्रशासन ने एक दिन के अंदर ही मुझे अनुमति फिर ना देने का पत्र वापस 22 जून को लिखा की आपको इस कार्यक्रम में किसी भी तरीके से उपस्थित होने की अनुमति नहीं प्रदान की जाती है।

जब पहली बार मुझे मना किया गया तो मैं यात्रा में शामिल नहीं हुई जो हमारी सर्व धर्म संभाव यात्रा निकली थी उसमें मैं शामिल नहीं हुई लेकिन स्वयं के मकान के उद्घाटन मैं अगर शासन प्रशासन आने से मना करे तो ये किस तरीके के अधिकार हमें मिले हैं ये हमारा संवैधानिक अधिकार है जिस का हनन शासन और प्रशासन कर रही है और इसी धार्मिक भावनाओं की आहत होने से हमारी सर्वधर्म प्रार्थना को ना होने देने से मुझे उसमें ना शामिल होने देने से भगवान बुद्ध की अस्थियों को आने से रोकने से उसके दर्शन ना करने देने की वजह से जो मेरी भावनाएं आहत हुई है मेरे परिवार की, मेरे अधिकारों को मैं खुद ही प्राप्त नहीं कर सकती तो मेरा कोई हक नहीं बनता की मैं इस डिप्टी कलेक्टर की कुर्सी पर बैठकर किसी की लिए लड़ पाऊं इसलिए मजबूरी में मुझे ये इस्तीफा देना पड़ रहा है। वहीं डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने कहा है कि मैं इस नौकरी में दोबारा वापस नहीं जाऊंगी शासन की अपनी मर्जी है इस्तीफा मंजूर करें या ना करें।
बैतूल से वाजिद खान की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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