Betul News : आदिवासी डांस पर खुद को रोक नहीं पाए मंत्री कमल पटेल, बोले – याद आ गया बचपन

Amit Sengar
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Betul News : प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) आज अपने अलग ही अंदाज में नजर आए। नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित युवा उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मंत्री के सामने जब कलाकार गेड़ी डांस कर रहे थे तो मंत्री उन्हें देखकर खुद को रोक नहीं पाए और मंच से नीचे उतरकर कलाकारों संग गेड़ी डांस किया। उन्हें गेड़ी पर देख जनता तालियां बजती रही वहीं साथ नाच रहे कलाकार उत्साहित नज़र आये।

बांस पर चढ़कर नाचे

बता दें कि गेड़ी डांस में बांसों की बनी गेड़ी पर चढ़कर डांस होता है। इसमें संतुलन का विशेष महत्व होता है। नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न युवा मंडलों ने अपने नृत्यों की प्रस्तुति दी। इसी दौरान गोधना के युवा मंडल ने जब बांस से बनी गेड़ी पर डांस शुरू किया तो मंत्री खुद को रोक नहीं पाए। वे मंच से उतरे और एक कलाकार के हाथ से गेड़ी लेकर खुद गेड़ी पर सवार हो गए और उन्होंने बड़ी देर तक इस गेड़ी पर गेड़ी नृत्य किया। उन्हें डांस करता देख सांसद डीडी उइके भी मंच से उतरे और उन्होंने भी गेड़ी डांस करने का प्रयास किया।

Betul News : आदिवासी डांस पर खुद को रोक नहीं पाए मंत्री कमल पटेल, बोले - याद आ गया बचपन

मंत्री के साथ नृत्य करने से कलाकार में दिखा काफी उत्साह

मंत्री कमल पटेल ने इस मौके पर मीडिया से चर्चा में कहा कि आज गेड़ी डांस करते हुए उन्हें बचपन याद आ गया। उन्होंने कहा कि बचपन में वे गांव में रहते थे। जहां न सड़क होती थी न बिजली। बारिश में कीचड़ में से जाना आना होता था। त्यौहारों के समय भुजालिया रक्षा बंधन के समय वे गेड़ी पर चलते थे। आज वही मौका याद आया तो उन्होंने भी गेड़ी डांस कर लिया। इससे उन्हें बेहद आनंद आया है। जानकारी अनुसार इस नृत्य के लिए बांस की 6-7 फीट लंबी लकड़ी पर गेड़ी बनाई जाती है जिसमें नीचे से डेढ़ फुट की ऊंचाई पर एक फीट लंबा बांस का टुकड़ा बांध दिया जाता है। इस टुकड़े पर खड़े होकर गेड़ी डांस किया जाता है। जिसमें आदिवासी धुनों पर लोक कलाकार डांस करते है। अक्सर ग्रामीण इलाकों में कीचड़ से निकलने के लिए भी गेड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं मंत्री जी के साथ नृत्य करने से कलाकार काफी उत्साहित नज़र आए।

बैतूल से वाजिद खान की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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