बैतूल, वाजिद खान। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) में 104 साल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी (freedom fighter) विरदी चंद गोठी (Virdi Chand Gothi) का शनिवार की दोपहर निधन हो गया था। उनके निधन की खबर सुनकर शोक की लहर व्याप्त हो गई और आज रविवार को सुबह से उनके निवास पर उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा । उनके निवास पर ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर (guard of Honour) दिया गया और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जनप्रतिनिधि गण और अधिकारी गण के अलावा बड़ी संख्या में आम जनता मौजूद थे। उनकी अंतिम यात्रा में महिलाओं ने भी कांधा देकर उन्हें विदाई दी।
यह भी पढ़ें…Hoshangabad : पत्तियां तोड़ने पेड़ पर चढ़े किशोर को लगा करंट, हुई मौत
दरअसल जमीन जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विरदी चंद गोठी के बारे में बताया जाता है कि उनके परिवार का स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान रहा है । आजादी के आंदोलन के ध्वजवाहक रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरदीचंद गोठी 2 नवम्बर 1917 को बैतूल में जन्मे थे। वर्तमान में 104 वर्ष के थे ।
उनके बारे में बताया जाता है कि जब गांधी जी बैतूल आए तब बिरदीचंद जी गोठी उनके साथ ही थे और गांधीजी से प्रेरित होकर आजादी के आंदोलन में कूद पड़े।उनके भाई स्वर्गीय गोकुलचंद गोठी भी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे उनके काका दीपचंद गोठी भी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और बैतूल के पहले विधायक भी रहे है।
रविवार की सुबह उनके निवास पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। प्रशासन की ओर से तहसीलदार ने पुष्प चक्र चढ़ाकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई । निवास पर ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और राष्ट्र गीत हुआ और उसके परिवार जनों जिनमे महिलाये भी शामिल थी उन्हें कांधा देकर सजे हुए ट्रक पर उनका पार्थिव शरीर रखा गया और देशभक्ति की धुन के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई । कोठी बाजार मोक्ष धाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया । इस मौके पर कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सांसद विधायक अधिकारीगण के साथ परिवार जन रिश्तेदार और आम जनता ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी ।