बैतूल, वाजिद खान। पूरे देश में जहां कोरोना (Corona) रूपी आपदा को कुछ लोगों ने अवसर बना लिया है, जहां कई लोग दवाइयों से लेकर ऑक्सीजन (Oxygen) की कालाबाजारी कर रहे है वही कई निजी अस्पतालों पर मनमानी फीस लेने के आरोप भी लग रहे है कि निजी हॉस्पिटलों ने आपदा में अवसर बनाते हुए बीमारी और बीमारों को कमाई का जरिया बना लिया है। वहीं मप्र (MP) बैतूल (Betul) में एक अस्पताल ऐसा भी है जो कोविड मरीजों का मुफ्त इलाज कर रहा है। इस निजी अस्पताल में भर्ती किये जाने वाले कोरोना मरीजों को बैड, आक्सीजन, दवा से लेकर ईलाज तक फ्री किया जा रहा है। खास बात यह है कि अस्पताल में एलोपैथिक दवा, योग, म्यूजिक थेरेपी से लेकर आयुर्वेदिक काढ़े तक इलाज में इस्तेमाल किये जा रहे है।
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बैतूल के भारत भारती में ओम स्वास्थ्य एवं शिक्षा परिषद बैतूल के ओम चिकित्सालय का संचालन करती है। मूलतः यह ओम आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज और हॉस्पिटल है, जिसे समाजसेवी सोनू पाल और उनके सर्जन भतीजे डॉ संदीप पाल संचालित करते है। कोविड की दूसरी लहर शुरू हुई तो अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना मरीजों के इलाज का बीड़ा उठाया और प्रशासन से चर्चा कर यहां 6 अप्रैल को 60 बेड का कोविड हॉस्पिटल शुरू कर दिया गया। जहां 15 ऑक्सीजन बेड की सुविधा भी शुरू की गई। यहां पिछले 27 दिन में 160 से ज्यादा कोविड मरीज भर्ती किये गए है। स्वास्थ्य विभाग इस अस्पताल को ऑक्सीजन और दवाई मुहैया करा रहा है ।
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जानकारी के अनुसार यहां भर्ती हुए मरीजों में से 25 मरीज को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। खास बात यह है कि मरीजों का बिल्कुल मुफ्त इलाज किया जाता है। मरीज को बेड उपलब्ध कराना हो या फिर दवा या उपचार सब कुछ मुफ्त होता है। अस्पताल प्रबंधन यहां डॉ संदीप पाल की अगुवाई में आयुर्वेदिक दवाओं के अलावा ऐलोपैथिक मेडिसिन ,म्यूजिक थैरेपी और योग से मरीजों का इलाज करते है। स्वस्थ्य होने वाले मरीजों को यहां से डिस्चार्ज के समय पौधा भेंट कर अपने घर रवाना किया जाता है।
घर जैसा माहौल है हॉस्पिटल का : मरीज
इस हॉस्पिटल में भर्ती होकर डिस्चार्ज हुई एक महिला ने बताया कि हॉस्पिटल का माहौल बहुत ही फ्रेंडली है, यहां पर हमें बिल्कुल ऐसा नहीं लगा कि हम किसी हॉस्पिटल में है यहां पर डॉक्टर से लेकर अस्पताल का पूरा स्टाफ बहुत ही सहयोगी है।
ओम आयुर्वेदिक परिषद के संचालक सोनू पाल कि इस भयावह स्थिति को देखते हुए हमारे मन में आया कि हम लोगों के लिए कुछ कर सके इसलिए हमने यह कार्य चालू किया वही डॉक्टरों और नर्सो की माने तो कोरोना में मरीज सबसे ज्यादा इस बीमारी से डरा हुआ होता है। ऐसे में उसे पारिवारिक माहौल की जरूरत होती है। उसका डर निकालकर परिवार का माहौल देना और मुफ्त इलाज करना उनका ध्येय है। प्रबंधन का मानना है कि आज जब कोरोना के इलाज में लूट मची हुई है। जहाँ एक ओर निजी अस्पताल इस आपदा को अवसर बनाकर मरीजों की मजबूरी का भरपूर फायदा उठा रहे है तो वहीं ओम आयुर्वेदिक अस्पताल से मरीज डिस्चार्ज होकर दुआएं देते हुए नहीं थक रहे है। इस मुश्किल समय में मरीजों को अपनी फ्री सेवाएं देकर ओम आयुर्वेदिक अस्पताल सेवा भाव का जीता जागता उदाहरण बना है।