Bhagoria Festival 2024: मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों को आज से भगोरिया पर्व का उल्लास छाने वाला है। ये आदिवासियों के सबसे प्रमुख उत्सवों में से एक है। जिसका उल्लास झाबुआ, अलीराजपुर और धार जिले में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है।
यहां नगर ग्राम और कस्बे के हाट बाजारों में मेले का आयोजन किया जाता है। इन मेलों में पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे आदिवासी ढोल मांदल की थाप और बांसुरी की धुन पर जमकर थिरकते हैं।
कहां लगेगा भगोरिया का मेला
होली के एक हफ्ते पहले से आदिवासी अंचलों में भगोरिया मेले की शुरुआत हो जाती है। यहां पर प्राचीन आदिवासी संस्कृति का दीदार करने को मिलता है। भगोरिया का ये मेला झाबुआ और अलीराजपुर के पेटलावद, चंद्रशेखर आजाद नगर, रंभापुर, कुंदनपुर, मोहनकोट, मेड़वा, बडागुडा, रजला जैसे जिलों में लगता है।
भगोरिया मेले की तारीख
18 मार्च से 24 मार्च तक अलग-अलग क्षेत्र में भगोरिया मेले का आयोजन किया जाने वाला है। 18 मार्च को आजाद नगर, पेटलावद, अलीराजपुर, मोहनकोट, रजला, कुंदनपुर, मेड़वा, बडागुडा में मेला लगेगा। 19 मार्च को अंधारवाड़, खरड़ू, प्रतापगढ़, आंबुआ, थांदला, तारखेड़ी में भगोरिया उत्सव होगा। 20 मार्च को मछलिया, बोड़ायता, कल्याणपुरा, खट्टाली, बरझर, चांदपुर, उमरकोट, ढेकल और मदरानी में मेला लगेगा।
21 मार्च को समोई, हरिनगर, चैनपुरा, फुलमाल, सोंडवा, पारा, सारंगी और जोबट में उत्साह देखने को मिलेगा। 22 मार्च को उदयगढ़, कालीदेवी, बेकल्दा, मांडली, वालपुर, भगोर और कट्ठीवाड़ा में उल्लास छाएगा। 23 मार्च को बलेड़ी, नानपुर, बामनिया, झकनावदा, राणापुर, उमराली और मेघनगर में मेला लगेगा। 24 मार्च को कानवाड़ा, झीरण, ढोल्यावाड़, छकतला, आमखुंट, काकनवानी और सोरवा में आदिवासी लोकनृत्य करते और नाचते गाते दिखाई देंगे।