भिंड, सचिन शर्मा। युद्ध के हालातों से जूझ रहे यूक्रेन में 20 हजार के करीब भारतीय छात्र भी फंसे हुए हैं, इनमें मेडिकल की पढ़ाई करने गए भिंड जिले के दो छात्र भी फंसे हुए हैं। गोरमी इलाके के महदोली गांव के रहने वाले किसान भिखारी खान के बेटे अरमान खान भी यूक्रेन में युद्ध के चलते फंस गए है। दूसरे भिंड के मंगद पूरा गांव के किसान रामनरेश नरवरिया का पुत्र ऋषिकेश यूक्रेन में फस गया है।
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एक और समूचे यूक्रेन में तबाही मची है चारो और धमाके हो रहे हैं, तो दूसरी ओर फंसे हुए बच्चों के माता पिताओं के दिल टीवी पर धमाको की खबरे देख कर दहल रहे है। हालांकि परिवार वालों की व्हाट्सएप कॉल पर बातचीत हो जाती है, लेकिन फंसे हुए बच्चों की वहां पर हालात काफी खराब है। परिजनों का कहना है कि बच्चों के पास राशन पानी और डॉलर समाप्त होने को है। भारत सरकार अथवा एंबेसी से बच्चों का कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है, इसी वजह से वह वहां से निकल नहीं पा रहे।
हालांकि बच्चों का कहना है यूनिवर्सिटी की ओर से उनकी रहने की व्यवस्था तो कर दी गई है। लेकिन हर दिन जगह बदल बदल कर अलग-अलग जगह ठहराया जा रहा है। वह भी डरे-सहमे हुए हैं, कहीं कोई मिसाइल आकर कभी भी गिर सकती है। यही वजह है परिजन काफी परेशान हैं। परिजनों का कहना है कि नेटवर्क की सबसे बड़ी समस्या है, इस वजह से बात होने में भी काफी कठिनाई होती है। सैकड़ों बार ट्राई करते हैं तब कहीं एक आध बार जाकर के बच्चों से बात हो पाती है तो दिल को तसल्ली मिल जाती है कि उनके बच्चे सुरक्षित है।
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भिखारी खान ने बताया कि सुबह बेटे अरमान से बात हुई तो उसकी आंखों में आंसू थे और उसका कहना था कि खाने-पीने की सारी चीजे समाप्त हो चुकी है। अरमान के माता पिता का कहना है कि बेटे से जब से बात हुई है उसकी आंखों में आंसू देखे तब से वह काफी परेशान है। ऋषिकेश नरवरिया ने व परिजनों को बताया कि युद्ध की आहट तो काफी समय पहले से मिल रही थी और वह वापस आना भी चाहते थे। यूनिवर्सिटी से उन्होंने गुहार भी लगाई थी कि ऑनलाइन क्लास चालू की जाए जिससे हम लोग निकल सके यहां से लेकिन यूनिवर्सिटी लगातार ऑफलाइन क्लास पर जोर देती रही।
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जब युद्ध चालू हो गया तो उन्होंने ऑफलाइन क्लास चालू कर दिए, जिससे आज वह यूक्रेन में फस कर रह गये है,युद्ध की विभीषिका के चलते हवाई रास्ते तो यूक्रेन के समूचे बंद हो चुके है लेकिन भारत सरकार अन्य रास्तों से निकालने के विकल्पों पर विचार कर रही है, और उन रास्तों से निकलने के प्रयास जारी है।