रॉकी गुर्जर हत्याकांड के चलते कांग्रेस के पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह ने खोला मोर्चा, SDOP को सौंपा ज्ञापन

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भिण्ड ,गणेश भारद्वाज। भिण्ड जिले के अमायन थाना क्षेत्र के गहेली गांव के पास रेत नाका पर पावरमेक कंपनी द्वारा अवैध रेत खनन को रोकने वाले रॉकी गुर्जर की हत्या में कंपनी मालिक को मुख्य आरोपी बनाये जाने के लिए जन संघर्ष मंच के बैनर तले पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह के नेतृत्व में अपने हज़ारो कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन रैली निकाली। और एसडीओपी के नाम ज्ञापन सौंपा ।

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पावरमेक कंपनी के कारिन्दों द्वारा 04 मार्च की रात रेत व्यापारी रॉकी गुर्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद रेत उत्खनन कंपनी पावरमेक के चार कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया गया था। लेकिन कंपनी के मालिकों को भाजपा (Bjp) सरकार के दाबाव के कारण 120 बी का हत्या का सह आरोपी नहीं बनाया गया। जिसके कारण कांग्रेस सरकार (Congress) के पूर्व मंत्री व उप नेता प्रतिपक्ष रहे चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने रॉकी की हत्या के मामले में कंपनी के मालिकों को भी आरोपी बनाए जाने की मांग को लेकर मेहगांव में रैली निकालकर एसडीओपी कार्यालय का घेराव किया। भिण्ड की शारदा टॉकीज से मेहगांव एसडीओपी कार्यालय तक इंकलाबी प्रदर्शन चौधरी राकेश सिंह के नेतृत्व में किया गया। इस दौरान स्थानीय सरकार व जिला प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की गई। एसडीओपी के नाम ज्ञापन देने के बाद चौधरी के द्वारा साथी प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित किया गया।

रॉकी गुर्जर की हत्या की विस्तृत बात करें तो भिण्ड के अमायन थाना क्षेत्र में 04 मार्च को रेत की ट्रैक्टर ट्रॉली निकालने को लेकर हुए विवाद में रेत उत्खनन कंपनी के कर्मचारियों द्वारा रॉकी गुर्जर नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद कंपनी के एक स्थायी कर्मचारी के साथ ही तीन अस्थाई बंदूकधारी कर्मचारियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया। पर पुलिस के द्वारा कंपनी के मालिकों के विरुद्ध प्रदेश सरकार के दबाव में कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस पर भिण्ड जिले में पूर्व मंत्री राकेश चौधरी के संयोजन में संचालित गैर राजनीतिक संगठन जन संघर्ष मंच ने यह आवाज उठाई कि कंपनी के मालिकों के विरुद्ध धारा 120 बी के तहत मामला पंजीबद्ध हो। इसी मांग को आगे बढ़ाते हुए पूर्व मंत्री चौधरी ने पावरमेक कंपनी के स्थानीय कर्मचारियों के साथ ही युवक की हत्या के मामले में कंपनी के मालिकों को भी धारा 120बी के तहत मामला दर्ज किए जाने की मांग की है। मेहगांव में आयोजित जंगी प्रदर्शन के बाद जन संघर्ष मंच के संयोजक राकेश सिंह चतुर्वेदी के द्वारा प्रदर्शन में शामिल लोगों को भी संबोधित भी किया गया। उन्होंने बिना नाम लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर हमला करते हुए कहा कि उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है। उनके संरक्षण में ही रेत कंपनी पावरमेक द्वारा खनिज संपदा को लूटने का काम किया जा रहा है। चौधरी ने आगे कहा कि यदि कंपनी के मालिकों को रॉकी की हत्या का आरोपी नहीं बनाया जाता है तो वह भिण्ड पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव करेंगे और हाइकोर्ट में भी इस मामले को लेकर रिट पिटीशन (Writ petition ) दायर करेंगे। जिससे कि इस कंपनी के एमडी और अन्य पदधिकारियों को 120 बी के तहत हत्या का आरोपी बनाया जा सके और भिण्ड के इस बेरोजगार युवा को न्याय मिल सके।

रॉकी गुर्जर हत्याकांड के चलते कांग्रेस के पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह ने खोला मोर्चा, SDOP को सौंपा ज्ञापन

भिंड की सिंध नदी से जो रेत निकाला जाता है वह रेत भिंड के किसानों और बेरोजगारों को रॉयल्टी मिलना चाहिये। क्योंकि नदी से जब रेत निकलता है तो स्थानीय किसानों और मजदूरों का बहुत ज्यादा नुकसान होता है क्योंकि नियमानुसार रेत मजदूरों के द्वारा निकलवाना चाहिए। लेकिन रात को विशालकाय मशीनों और हद तो तब हो जाती है एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर जब 40 से 50 फीट नदी को गहरी खोदकर पनडुब्बियों से रेत निकाला जाता है। ऐसे में जब गरीब मजदूरों की मजदूरों पर डाका यह मशीनें डालती हैं तो क्यों ना उन्हें royalty-free रेत मिलना चाहिए। जिससे कि उन का भरण-पोषण इस रोजगार के माध्यम से हो सके।

रॉयल्टी से दुगना पैसा वसूलती है कंपनी
जिले में वैध रूप से रेत का उत्खनन करने के लिए जिस कंपनी को ठेका सरकार के द्वारा दिया गया है। वह पावर मेक कंपनी तमाम नियम कायदे कानूनों को ताक पर रखकर रेत का अवैध तरीके से उत्खनन करवा रही है और नाके भी अपनी मनमर्जी से जहां उसका मन होता है वहां लगा रखे हैं जबकि नियमानुसार रेत उत्खनन स्थल से मात्र 1 किलोमीटर के दायरे में नाका लगाया जाना चाहिए। जिले में यदि अवैध रूप से रखे हुए रेत के भंडारण पर नजर दौड़ाएं तो नदी के आसपास कई जगहों पर पावरमेक कंपनी के द्वारा अवैध रूप से रेत का भंडारण किया गया है जबकि नियमानुसार भंडारण केवल नियमों के अनुसार चलने वाली खदान के 25 किलोमीटर के दायरे में ही किया जा सकता है।

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Harpreet Kaur

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