नसबंदी के दौरान एक माह में दो महिलाओंं की मौत

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भिंड। 

गोहद तहसील के भोनपुरा ग्राम की रहने वाली रजनी पतनी इंद्रजीत सिंह तोमर उम्र 25 वर्ष के लगभग का आज गोहद के  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रति शुक्रवार को होने वाले नसबंदी शिविर में नसबंदी ऑपरेशन किया जाना था ऑपरेशन करने वाले सर्जन हिमांशु बंसल बेहोसी की  डॉ विमलेश गौतम ने संपूर्ण तैयारी कर ली थी देर शाम 5:30 और 6 बजे के लगभग तीसरे नंबर पर रजनी पतनी  इंद्रजीत सिंह तोमर का नसबंदी ऑपरेशन किया जाना था जैसे ही रजनी के ऑपरेशन तैयारी की गई पहला कट लगाते ही रजनी  की मौत हो गई इस बात की विश्वसनीय सूत्रों द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है डॉक्टरो ने आनन-फानन में रजनी को सीरियस हालत में ग्वालियर के बजाय भिंड जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया और परिजनों को बोल दिया कि अभी उपचार चल रहा है अचानक तबीयत खराब हो गई है मासूम ग्रामीण यह सोच रहे थे कि उनकी बहू पत्नी बेटी का इलाज सही जिला अस्पताल में होगा उन्हें नहीं पता था कि रजनी अब इस दुनिया से जा चुकी है बहुत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रति शुक्रवार को जब 14 -15 नसबंदी के लिए महिलाएं हो जाती हैं तब जिले से सर्जन डॉक्टर को बुलाया जाता है और वे आनन-फानन में धड़ाधड़ जल्दबाजी में ऑपरेशन करते चले जाते हैं अगर मरीज ईश्वर की कृपा से बच गया तो ईशवर की  मेहरबानी नसबंदी शिविर में इस तरह की लगभग पिछले 5 वर्षों में तीन चार महिलाएं अपने प्राण गवा चुके हैं कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होकर अपना उपचार करा रही है इस लापरवाही का प्रमुख कारण है कि जिला अस्पताल से आने वाले सर्जन के पास इतना समय नहीं होता उतनी व्यवस्थाएं नहीं होती कि अचानक मरीज की तबीयत खराब हो जाए और उसका उपचार तत्काल किया जा सके उस बावजूद भी लगातार नसबंदी शिविर के माध्यम से नसबंदी करते जा रहे हैं और ग्रामीणो की जान से खेल रहै इन की नसबंदी भी फेल हो रही है।


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