ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया और संस्था लोकल सर्किल के सर्वे से खुलासा हुआ है कि मध्यप्रदेश में एक साल के अंदर भ्रष्टाचार बढा है। प्रदेश के हर दूसरे आदमी ने रिश्वत देकर अपना काम करवाया है। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार स्थानीय निकायों में है। इसके लिए देशभर में करीब 40 हजार लोगों को सर्वे में शामिल किया गया। इसमें से करीब 2200 लोग मध्यप्रदेश के थे। ।इस आंकड़ों के खुलासे के बाद कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री का कहना है कि यह पुरानी बात है, हमारी सरकार में कोई भ्रष्टाचार नही हुआ।
दरअसल, ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया’ ने भारत के 20 राज्यों के 248 जिलों में ये सर्वे किया है। टीआईआई का यह सर्वे ‘इंडिया करप्शन सर्वे 2019’ के नाम से जारी किया गया है। संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने रिश्वत का स्तर जानने के लिए देशव्यापी स्तर पर यह सर्वे किया।
सर्वे से खुलासा हुआ है कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।38 फीसदी लोगों ने नगरीय निकाय में, 37 फीसदी लोगों ने जमीन से जुड़े मामलों में, जबकि 25 फीसदी लोगों ने परिवहन, बिजली कंपनी, टैक्स कार्यालय में रिश्वत देकर काम कराया है। वहीं, 22 फीसदी लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार रिश्वत देकर ही काम कराया है। जबकि, 33 फीसदी लोगों का कहना था कि उन्होंने एक या दो बार रिश्वत देकर काम कराया है। सिर्फ 12 फीसदी लोगों ने कहा कि उनका काम बिना रिश्वत दिए हुआ है। सर्वे के दौरान 33 फीसदी लोगों ने इस मामले में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
इस रिपोर्ट पर प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि पिछले 15 साल में ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ इस एक साल में नहीं। सब पुरानी बातें हैं। हमारी 11 महीने की सरकार में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है।ये बीजेपी की सरकार के आंकडे है।,2019 मे कोई भ्रष्टाचार नही हुआ ।