मध्य प्रदेश को मोदी सरकार की बड़ी सौगात, खुलेंगे 11 नए केंद्रीय विद्यालय, देशभर में खुलेंगे 85

कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (सीसीईए) की बैठक में प्रदेश भर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी गई है।

Amit Sengar
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MP News : मोदी सरकार ने मध्य प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात दी है। कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (सीसीईए) की बैठक में प्रदेश भर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी गई है। इनमें से 11 केंद्रीय विद्यालय मध्य प्रदेश में खोले जाने हैं।

जारी की गई सूची में जिन जिलों में यह केंद्रीय विद्यालय खोले जाने हैं उनमें अशोक नगर में, उज्जैन जिले के नागदा में, सतना जिले के मैहर में, बालाघाट जिले के तिरोड़ी में, सिवनी जिले के बरघाट में, निवाड़ी में, छतरपुर जिले के खजुराहो में, कटनी जिले के झिंझारी में, मुरैना के सबलगढ़ में, राजगढ़ के नरसिंहगढ़ में और भोपाल में कन्हैसैया में केंद्रीय विद्यालय खोला जाएगा।

लगभग 5800 करोड़ की लागत से बनेंगे यह विद्यालय

सरकार द्वारा इसके लिए लगभग 5800 करोड रुपए की स्वीकृति दी गई है, जिससे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, एनसीटी दिल्ली, ओड़िशा, राजस्थान, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, और उत्तराखंड में केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे। इसके साथ ही कर्नाटक के शिव मोगा में स्थित केंद्रीय विद्यालय का विस्तारीकरण करते हुए सभी सेक्शंस में दो अतिरिक्त सेक्शन बढ़ाए जाएंगे।

अभी वर्तमान में भारत और विदेश में कुल कितने केंद्रीय विद्यालय

अभी वर्तमान समय में भारत में कुल 1256 केंद्रीय विद्यालय में छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बताई गई कुल संख्या में से एक केंद्रीय विद्यालय नेपाल एक मास्को और एक तेहरान में सरकार द्वारा खोला गया है।

नए विद्यालय खोलने से कैसे होगा लाभ

86 नए केंद्रीय विद्यालय खुलने से लगभग 82000 नए छात्रों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही लगभग 5300 नए रोजगार के सीधे अवसर भी खुलेंगे। आपको बताना है नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के क्रियान्वन के साथ ही सभी केंद्रीय विद्यालयों को पीएम श्री स्कूल का दर्ज़ा दिया गया है।

 


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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