भोपाल। नए साल की शुरुआत होते ही सरकार के सामने नई चुनौतियां आना शुरू हो गई| अतिथि विद्वान लम्बे समय से धरने पर बैठे हैं, वहीं अब मेडिकल टीचर्स सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं| अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के 3300 चिकित्सा शिक्षकों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है| मेडिकल टीचर 9 जनवरी से काम नहीं करेंगे। इसके पहले सभी अपने-अपने डीन को इस्तीफा सौंप देंगे। वहीं राजधानी के गाँधी मेडिकल कालेज व एमजीएमसी इंदौर के शिक्षकों ने इस्तीफा सौंप दिया है। भोपाल के 290 शिक्षकों ने डीन को इस्तीफा सौंपकर कहा है कि वह इमरजेंसी में भी काम नहीं करेंगे। इससे मरीजों की मुश्किलें बढ़ना तय है|
गौरतलब है कि मेडिकल टीचर्स अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सिंतबर में भी आंदोलन किया गया था। तब दो दिन तक प्रदेश के मेडिकल टीचर्स ने काम नहीं किया था। सरकार ने मेडिकल टीचर्स की सारी मांगे मानने का आश्वासन दिया था। लेकिन मांगें पूरी नहीं होने के बाद सेंट्रल मेडिकल टीचर एसोसिएशन की बैठक में इस्तीफ़ा देना का एलान किया गया था| प्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. राकेश मालवीय ने बताया इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी चिकित्सा शिक्षक काम पर नहीं लौटेंगे।