भोपाल। फराज़ शेख| राजधानी की लाईफ लाइन मानी जाने वाली लो फ्लोर बसों ने इस साल आधा दर्जन परिवारों के चिराग बुझा दिए। जी हां इन बसों की चपेट में अने से 6 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 46 लोगों को इन बसों ने टक्कर मारकर मौत के मुह तक धकेल दिया। इधर साल भर में जाम का कारण बनने,किराए को लेकर हुए विवाद, छेडख़ानी से रोकने पर इन बसों के चालक और परिचालकों को कई बार लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा है। हुड़दंगी छात्र और आसमाजिक तत्वों ने कई बार बसों में तोडफ़ोड़ कर चालक परिचालकों के साथ में मारपीट कर डाली।
जानकारी के अनुसार शहर में 287 कुल लो-फ्लोर बसे हैं। इनमें से 210 से 215 बसे करीब हर रोज़ ऑन रोड होती हैं। बची बसें सुधार कार्य आदी कारणों के से कारखाने में खड़ी रहती हैं। वर्ष 2018 जनवरी माह से अब तक लो-फ्लोर बसों के चालक और परिचालकों पर बीस गंभीर हमले हो चुके हैं। इन सभी हमलों में ड्रायवर और कंडक्टर को बुरी तरह लहूलुहान किया गया। कई बार बस में यात्रियों और चालक परिचालकों की सुरक्षा को लेकर तरह-तरह के प्रस्ताव बने। हालांकि यह प्रस्ताव महज कागजों तक ही सीमित रह गए। बसों में अब भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। कई बसों में सीसीटीवी कैमरे भी खराब हैं। गौरतलब है कि मंडीदीप के एक मामले में हुड़दंगी छात्रों के झुंड को बस में तोडफ़ोड़ और ड्रायवर कंडक्टर के साथ मारपीट करना महंगा साबित हो गया। सकलापुरा थाना जिला रायसेन में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। अगस्त माह में हुई इस वारदात में कोर्ट से आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है।
– महिला यात्री के हत्यारों का नहीं लगा सुराग
फरियादिया फ राह पत्नी अजीम (30) बाग उमराव दूल्हा ऐशबाग में रहती हैं और होशंगाबाद रोड स्थित एक शापिंग मॉल में नौकरी करती हैं। बीते दस दिसंबर दिन रविवार को वे अपनी ननद साईमा पत्नी नसीम (30) निवासी आजाद नगर अशोका गार्डन और सास आसमा के साथ अपनी मां के घर न्यू आरिफ नगर गई थी। रात करीब सवा आठ बजे वे घर लौटने के लिए जेपी नगर तिराहे से लाल बस में सवार हुईं। बस में दाहिनी तरफ ड्रायवर के पीछे वाली सीट पर साइमा अपने तीन महीने के बच्चे अबूजर को गोद में लेकर बैठी, जबकि फ राह और उनकी सास आसमा बस के बायीं तरफ वाली सीट पर बैठी। फ रहा ने पुलिस को बताया कि बस धीरे-धीरे आगे बढऩे लगी, तभी एक पत्थर आकर साइमा के दाहिनी तरफ सिर पर आकर लगा। पत्थर लगते ही साइमा बच्चे को लेकर सीट से नीचे गिर पड़ी। उनके सिर से तेज खून बहने लगा। शोर मचाने पर ड्रायवर तत्काल बस को डीआईजी बंगला स्थित अस्पताल लेकर पहुंचा। साइमा को अस्पताल में चैक कराया गया तो डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए उन्हें हमीदिया अस्पताल लेकर जाने की सलाह दी। हमीदिया ले जाने पर डाक्टरों ने चेक कर उसे मृत घोषित कर दिया। टीआई महेंद्र मिश्रा का कहना है कि साइमा को पत्थर मारने वालों का फिलहाल कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
– बस से काला धुआं निकलने पर भी चालक को पीटा
बीते 13 दिसंबर को एमपी नगर इलाके में एक युवक ने सिर्फ इस बात से नाराज होकर लो- फ्लोर बस के चालक को धुन दिया कि उसकी बस से काला धुआं निकल रहा था। एसआर 8 रूट की लो फ्लोर बस सोमवार शाम करीब पांच बजे एमपी नगर स्थित मानसरोवर कॉम्पलेक्स के सामने पहुंची। यहां ट्रैफि क सिग्नल रेड था। रेड सिग्रल देख बस भी रुक गई। जब सिग्नल ग्रीन हुआ तो बस आगे बढ़ी तो इसी दौरान खटारा हो चुकी बस के साइलेंसर ने बड़े पैमाने पर काला धुआं निकला। ये बस के पीछे खड़े एक बाइक सवार युवक को नगवार गुजरा और उसने बस को रोक लिया। कोई कुछ समझ बाता इससे पहले ही उसने ड्राइवर दयालाल धाकड़ पर थप्पड़ों की बौछार कर दी। मारपीट होते देख बस में मौजूद सवारियों में अफ रा तफ री मच गई।
इनका कहना है
इस साल लो-फ्लोर बसों के कारण कुल 6 मौत और 46 लोगों के एक्सीडेंट हुए हैं। करीब बीस चालक और परिचालकों के साथ मारपीट की घटनाए हुई हैं। मंडीदीप में हुई एक घटना में हाल ही में आरोपियों को सजा होने की जानकारी मिल रही है।
संजय सोनी, पीआरओ बीसीएलएल