भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में टूटते हुए परिवार को बचाने के लिए जिला विधिक प्राधिकरण को भारी मशक्कत करनी पड़ी। इस मामले में नौकरी (Job) कर रही पत्नी ने अपने पति को घर से बाहर निकाल दिया था और बच्चों तक से नहीं मिलने दे रही थी। बाद में पत्नी की सात शर्तें मानने के बाद में ही समझौता हो पाया।
शादी के सात फेरे और सात जन्मों का साथ, हिंदू संस्कृति में विवाह का यही मुख्य आधार माना जाता है। लेकिन भोपाल में पति-पत्नी के बीच कुछ ऐसी लड़ाई शुरू हुई कि जिससे परिवार टूटने के कगार पर पहुंच गया। दरअसल रेलवे (Indian Railway Job) में काम कर रही पत्नी ने अपने जीजा की मौत के बाद अपनी बहन की बेटी को अपने घर में स्थाई रूप से रख लिया और उसकी बहन का हस्तक्षेप भी घर में काफी बढ़ गया।
प्राइवेट नौकरी करने वाले पति ने जब इसका विरोध शुरू किया तो झगड़ा शुरू हो गया। पत्नी ने आरोप लगा दिया कि पति अक्सर शाम को शराब पीकर झगड़ा करता है और बेटियों पर इसका गलत असर ना पड़े इसीलिए उसने उसे घर से निकाल दिया। शादी के 15 साल बाद हुआ यह विवाद जब जिला विधिक प्राधिकरण में पहुंचा तब यह हकीकत सामने आई कि वास्तव में दोनों के बीच विवाद की वजह पत्नी की बहन और उसके बेटी है।
इसके बावजूद पत्नी सात शर्ते मानने के बाद ही साथ रहने पर राजी हुई। इनमें शराब पीकर घर न आने, मारपीट गाली-गलौज ना करने, देर तक बाहर ना रहने, ऑफिस जाते समय कोई काम ना बताने, अपना काम खुद करने, बच्चों की पढ़ाई में हाथ बंटाने, मायके जाते समय रोक-टोक न करने, बहन और उसकी बेटी की आर्थिक मदद करने से न रोकने और पूर्व में घटित किसी भी घटना का जिक्र न करने की बात शामिल थी। पत्नी रेलवे में नौकरी (Job In Railway) करती है और उसकी तनखा ज्यादा है और पति प्राइवेट नौकरी में है इसीलिए पति को परिवार बचाने के लिए यह शर्तें माननी पड़ी और फिलहाल समझौता हो गया।