भोपाल।
कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनी ट्विटर प्रोफाइल में बदलाव के बाद सियासी गलियारों में खलबली मच गई है।सड़क से लेकर सोशल मीडिया और भोपाल से लेकर दिल्ली तक चर्चाओं का बाजार गर्म हो चला है। पीएम मोदी से सिंधिया की मुलाकत की भी खबरें सुर्खियां बटोर रही है।वही बयानबाजी का दौर तेजी से चल पड़ा है। इसी कड़ी में बीजेपी के दिग्गज नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान सामने आया है। सिंधिया द्वारा इस कदम को उठाने के पीछे की वजह कैलाश ने उपेक्षा बताया है।
दरअसल, आज मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर के स्टेटस बदलने पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि लंबे समय से सिंधिया की कांग्रेस में उपेक्षा हो रही है।जो कि किसी भी पार्टी के नेता के लिए सही नहीं है। वही बीजेपी में आने की अटकलों पर कैलाश ने कहा कि ऐसी कोई बात मेरी जानकारी में नहीं है ।साथ ही पीएम मोदी से सिंधिया की मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी नही है। वही कैलाश के इस बयान पर कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा ने पलटवार किया है।शर्मा का कहना है कि उनके कुछ कहने से क्या होता है उनका बेटा तो बल्ला घुमा रहा है।सिंधिया को लेकर शर्मा ने कहा कि सिंधिया बड़े नेता हैं उनके बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।
इससे पहले बीते दिनों कैलाश से जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए सिंधिया की उम्मीदवारी से जुड़ा सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था मेरी शुभकामनाएं सिंधिया जी को कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। यह मध्य प्रदेश के लिए गौरव की बात होगी, अगर वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो। विजयवर्गीय ने खुलकर सिंधिया का सपोर्ट किया था।
आपको बता दे कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को सिंधिया ने ट्विटर अकाउंट से अपना ‘कांग्रेसी परिचय’ हटा दिया है। अपने नए बायो में उन्होंने खुद को सिर्फ जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया है। इससे पूर्व सिंधिया ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपना पद कांग्रेस महासचिव 2002-2019 लिखा था।अचानक सिंधिया के ट्विटर पर यूं प्रोफाइल पर पद बदलने से सियासत गर्मा गई है।इसे सिंधिया की पार्टी से चल रही नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। वही उनके बीजेपी में जाने की अटकलें फिर से शुरु हो गई है। हालांकि अभी तक किसी भी कांग्रेस नेता का बयान सामने नही आया है, ऐसे में सिंधिया के कांग्रेस से किनारे के आसार बढ़ गए हैं।