शिक्षा विभाग के अधिकारी के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। छेड़छाड़ की घटना की रिपोर्ट लिखवाने महिला टीचर को 4 महीने तक मशक्कत करनी पड़ी, स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षा केंद्र (डीपीसी) भोपाल में आरोपों से घिरे जिला परियोजना समन्वयक राजेश बाथम के खिलाफ आखिरकार चार महीने बाद कोहेफिजा पुलिस ने FIR दर्ज कर ली। राजेश के खिलाफ उनके खिलाफ ऑफिस में छेड़छाड़ करने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया हैं। महिला का आरोप है कि वह 2017 से ऑफिस में कार्यरत है। आरोप है कि बाथम द्वारा उसे अश्लील हरकतें की जाती थीं। उसे देर रात तक ऑफिस में रुकने को कहा जाता था। कोरोना के दौरान सिर्फ उसे ही ऑफिस बुलाया गया। इस दौरान बाथम उससे छेड़छाड़ करते थे। गंदी बातें और अश्लील हरकतें कीं। विरोध करने पर परेशान किया जाने लगा।

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महिला टीचर ने करीब 4 महीने पहले जिला परियोजना समन्वयक राजेश बाथम के खिलाफ कार्य स्थल में प्रताड़ना और छेड़छाड़ की शिकायत विभाग से की थी। लेकिन महिला की शिकायत पर जांच की बजाए उन्हे लगातार टरकाया जाता रहा, बाद में जब महिला ने उच्च अधिकारियों और मंत्री तक शिकायत करने की बात की तो विभाग ने जांच समिति गठित कर दी, लेकिन राजेश बाथम के अंडर में ही काम करने वाले कर्मचारियों की ही जांच समिति बनाए जाने से नाराज महिला ने बयान देने से मना कर दिया था। उसके बाद जेडी के निर्देश पर एक कमेटी ने महिला के बयान लिए। इधर कलेक्टर ने भी एक कमेटी बनाकर महिला के बयान लिए। चार महीने बाद भी रिपोर्ट नहीं आना कई सवाल खड़े करते हैंकरीब 12 दिन पहले स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अधिकारियों ने बाथम मामले में जांच रिपोर्ट मांगी थी। हैरान की बात है कि अधिकारियों ने मंत्री को गुमराह करते हुए था कि जांच में कुछ नहीं निकला। उन्होंने जल्द से जल्द अधिकारियों से मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन वह अब तक नहीं आ सकी। इस मामले में सबसे पुलिस को भी मामला दर्ज करने में चार महीने लग गए, हालांकि पुलिस इसका कारण विभागीय जांच बताती रही, वही जब थक हार कर महिला ने पीएमओ आफिस से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई तब कही जाकर पुलिस ने दवाब में मामला दर्ज किया।


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Harpreet Kaur