भोपाल| जेपी अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप गुप्ता के निलंबन से डॉक्टर नाराज हैं| जेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया | मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में लापरवाही पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था| इधर, डॉक्टरों के प्रदर्शन पर मध्यप्रदेश मंत्रालयीन कर्मचारी संघ का कहना है कि हम चिकित्सकों, नर्स सहित समस्त स्वास्थ्यकर्मियों का बहुत सम्मान करते है और इस कोरोना महामारी के समय प्रदेश के समस्त स्वास्थ्य अमले द्वारा दी जा रही सेवाओं की सराहना करते है| लेकिन एक गरीब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की असामयिक मृत्यु के मामले में दोषी व्यक्तियों को बचाने के किसी भी प्रयास का हम विरोध करते हैं। संघ ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए जल्द ही इस मामले में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को इस मामले में ज्ञापन सौंपने की बात कही है|
इंजी सुधीर नायक,अध्यक्ष, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने कहा मप्र मंत्रालय, नगरीय प्रशासन विभाग में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारी विजय मालवीय का कोरोना पाज़ीटिव होने के बाद दिनांक 06 जून को हमीदिया अस्पताल में निधन हो गया था। मुख्यमंत्री जी द्वारा कोरोना संकट की समीक्षा के दौरान उक्त घटना की जांच के निर्देश दिए गए थे। जांचोपरांत जेपी अस्पताल, भोपाल के दोषी चिकित्सक को निलंबित किया गया है। इस संबंध में जेपी अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा प्रदर्शन कर उक्त चिकित्सक को बहाल करने की मांग की जा रही है।
मंत्रालयीन कर्मचारी संघ चिकित्सकों,नर्स सहित समस्त स्वास्थ्यकर्मियों का बहुत सम्मान करता है और इस कोरोना महामारी के समय प्रदेश के समस्त स्वास्थ्य अमले द्वारा दी जा रही सेवाओं की सराहना करता है परंतु एक गरीब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की असामयिक मृत्यु के मामले में दोषी व्यक्तियों को बचाने के किसी भी प्रयास का हम विरोध करते हैं।घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और अगर कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसके संबंध में विधिसम्मत कार्यवाही होनी ही चाहिए। गरीब चतुर्थ श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी के परिवार को न्याय दिलाने हेतु मंत्रालयीन कर्मचारी संघ प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा स्वर्गीय कर्मचारी के छोटे भाई नवीन मालवीय जो स्वर्गीय कर्मचारी को अस्पताल लेकर गए थे, का स्पष्ट कहना कि वे दिनांक 02 जून को अपने भाई को जेपी अस्पताल लेकर गए थे। उनके पास जेपी अस्पताल का दिनांक 02जून 2020 का पर्चा भी है।कोरोना के स्पष्ट लक्षण सांस लेने में तकलीफ़ इत्यादि होने के बावजूद न तो उनकी कोरोना जांच कराई गई और न ही किसी तरह का उपचार किया गया। केवल टैबलेट इत्यादि पर्चे पर लिखकर वापस कर दिया गया। स्वर्गीय कर्मचारी 02 जून से 06जून तक उक्त पर्चे पर लिखी गई टैबलेट खाता रहा।तदुपरांत,06जून को हालत बिगड़ने पर पुनः जेपी अस्पताल में स्वर्गीय कर्मचारी को लेकर उनके छोटे भाई नवीन मालवीय आते थे। उस समय भी न कोरोना जांच की गई, न उपचार किया गया और हमीदिया अस्पताल को रिफर कर दिया गया था और हमीदिया अस्पताल पहुंचने पर मृत्यु हो गई।कोरोना के लक्षण दिखने के कारण हमीदिया अस्पताल ने पोस्ट मार्टम कराया था। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में कोरोना पाज़ीटिव डिटेक्ट हुआ था। तदुपरांत मप्र मंत्रालय, नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव,उप सचिव सहित 79 अधिकारियों/कर्मचारियों के सैंपल लिए गए थे।
अध्यक्ष, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने कहा नवीन मालवीय अपने बड़े भाई श्री विजय मालवीय को लेकर दो दो बार जेपी अस्पताल पहुंचे परंतु कोरोना के स्पष्ट लक्षण होने के बावजूद उनके सैंपल नहीं लिये गये तथा उन्हें फीवर क्लीनिक के लिए रिफर नहीं किया गया। उनके लिए 108एम्बूलेंस भी उपलब्ध नहीं कराई गई वे किसी तरह निजी आटो रिक्शा से अस्पताल पहुंचे। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ इस संबंध में शीघ्र ही मुख्यमंत्री जी, स्वास्थ्य मंत्री जी, मुख्यसचिव, अपरमुख्यसचिव,स्वास्थ्य से भेंट कर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने तथा विजय मालवीय की मृत्यु के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के विरूद्ध समुचित कार्यवाही कराने संबंधी ज्ञापन पुनः सौंपेगा। साथ ही, उनके परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति देने एवं परिवार को मुख्यमंत्री सहायता कोष से समुचित आर्थिक सहायता देने की भी मांग की जाएगी। यदि आवश्यक हुआ तो मंत्रालयीन कर्मचारी संघ द्वारा भी प्रदर्शन कर शासन का ध्यानाकर्षण किया जायेगा।