भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है और कमलनाथ इसे मुगालतों के सहारे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी ने कमलनाथ के उस बयान को लेकर कही है, जिसमें वे भारतीय जनता पार्टी के कुछ विधायकों से संपर्क में होने की बात कह रहे हैं। केसवानी ने इस दौरान कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि कमलनाथ ने प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के साथ ही कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस के विधायकों और अपने साथ ही वादा खिलाफी की है। ऐसे में अब कोई कोई क्या उम्मीद लेकर उनके पास जाएगा? केसवानी ने कांग्रेस चीफ के बयान को कोरा मुगालता करार दिया है।
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केसवानी ने आरोप लगाया कि 15 माह के अपने कार्यकाल में कमलनाथ ने वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया था। आम आदमी का कोई भी काम नहीं होता था। जिस बिजली, पानी और सड़क की समस्या से भारतीय जनता पार्टी मप्र को बाहर निकाल कर लाई थी। कमलनाथ के कार्यकाल में एक बार फिर वे सभी समस्याएं लौट आईं। इतना ही नहीं कभी उमंग सिंगार तो कभी जीतू पटवारी भी नाथ की कमियां बताते नजर आए। इतना ही नहीं कई बार जब विधायक सीएम को आम लोगों की समस्याएं बताते पहुंचते थे तो कमलनाथ उनसे ‘चलो चलो हो गया’ कहकर उनकी बात बीच से ही काटकर उन्हें चलता कर देते थे।
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आम लोगों से पूरा नहीं कर पाएं एक भी वचन :
कन्या विवाह की राशि हो या बेरोजगारों को 4 हजार रुपए देने का वादा हो। कमलनाथ अपने 973 वचनों में से एक भी वादा पूरा नहीं कर पाए। हमारी संस्कृति में वचन पालन का बड़ा महत्व है। भगवान श्रीराम ने अपना पिता के एक वचन निभाने के लिए 14 साल के वनवास पर चले गए थे। ऐसे में कमलनाथ को भी 973 वचनों को न निभा पाने के कारण सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए।