भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। RTI एक्ट के तहत जानकारी नहीं देने के लिए सूचना आयोग ने सीएम हाउस में तैनात जनसंपर्क विभाग के उपसंचालक लक्ष्मण सिंह के विरुद्ध ₹25000 का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आयोग द्वारा जारी नोटिस के अनुसार रीवा के एक आवेदक चेतन सेठी ने जनसंपर्क विभाग के एक आला अधिकारी मंगला मिश्रा के रीवा में उनके कार्यकाल के समय के पाँच महीने का टीए, डीए आफिस के दौरे की जानकारी के अलावा उनके शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्र की जानकारी भी मांगी थी।
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RTI आवेदक चेतन सेठी का आरोप है कि यह जानकारी जानबूझकर छुपाई गई है क्योंकि जब मंगला मिश्रा की नियुक्ति रीवा में थी पर वह अधिकांश समय भोपाल में अनधिकृत रूप से रहते थे। वही आवेदक ने भी कहा कि मिश्रा की फर्जी शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्र को लेकर जनसंपर्क विभाग में उनकी नियुक्ति और प्रमोशन विवादों में रहा है। आरटीआई आवेदन दायर होने के समय लक्ष्मण सिंह की नियुक्ति रीवा स्थित जनसंपर्क विभाग में थी। सूचना आयोग ने इस प्रकरण में पाया कि लक्ष्मण सिंह द्वारा आरटीआई आवेदक को कोई भी जानकारी 30 दिन में ना देकर अधिनियम की धारा 7 (1) का उल्लंघन किया गया है।
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इस प्रकरण में जब प्रथम अपील दायर की गई तो जनसंपर्क विभाग के अधिकारी ने बिना किसी सुनवाई के प्रथम अपील भी खारिज कर दी यह कहते हुए कि जानकारी भोपाल से संबंधित है और सीधे आवेदक भोपाल से प्राप्त करें। आयोग ने इस पर आपत्ति जताते हुए प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश को तत्काल प्रभाव से खारिज कर दिया क्योंकि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अगर जानकारी उसी विभाग के किसी कार्यलय में संधारित है तो विभाग के अधिकारी को आरटीआई आवेदन को अधिनियम की धारा 5 (4) के तहत संबंधित अधिकारी को जानकारी उपलब्ध करने के लिए लिखना चाहिए था और अगर जानकारी किसी अन्य विभाग से संबंधित है तो धारा 6 (3) के तहत अधिकारी को आवेदन को 5 दिन के अंदर संबंधित विभाग में अंतरित करना चाहिए था। लेकिन लक्ष्मण सिंह ने इस तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं की और ना ही आवेदक को कोई सूचना नहीं दी। लक्ष्मण सिंह की इस लापरवाही के चलते जो जानकारी आवेदक को 30 दिन में 2019 में मिलनी चाहिए थी उसको मिलने में 3 साल लग रहे है और वो भी जब मंगला मिश्रा पद से रिटायर हो गए। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जुर्माने के नोटिस पर लक्ष्मण सिंह को अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए अगली सुनवाई 15/07/2022 को नियत की है।