भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए आयोग ने गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत मतगणना 11 दिसंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी। 8:30 बजे तक डाक मत पत्र गिने जाएंगे। इसके बाद ईवीएम से गिनती शुरू होगी। हर विधानसभा क्षेत्र में 14 टेबल लगाई जांएगी। खास बात यह है कि पहले राउंड की गिनती का सर्टिफिकेट जारी होेने के बाद ही दूसरे राउंड की गिनती शुरू होगी। मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा में यह जानकारी दी।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान भ्भाग्य आजमाने वाले 2899 उम्मीदवारों में से 2367 उम्मीदवारों ने खर्च का ब्यौरा दे दिया है। वहींखर्च का ब्यौरा नहीं देने वाले 532 उम्मीदवारों को नोटिस जारी किया गया है। इसी तरह नोटिस देने के बाद भी खर्च का ब्यौरा नहीं देने वाले 27 उम्मीदवारों के खिलाफ आरपी एक्ट के तहत प्रकरण भ्भी दर्ज कर लिया है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केन्द्र का चुनाव रेण्डम आधार किया जाकर, उस मतदान केन्द्र में उपयोग हुए व्ही.व्ही.पीएटी. की स्लिपों का मिलान ईव्हीएम के कंट्रोल यूनिट में प्रदर्शित परिणाम से अनिवार्यत: किया जायेगा। यह कार्य अभ्यर्थियों/निर्वाचन अभिकतार्ओं एवं केन्द्रीय प्रेक्षक की उपस्थिति में होगा। इसकी वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी। मतगणना हेतु व्हीव्हीपीएटी काउंटिंग बूथ का निर्माण, जिसमें जालीनुमा कवरेज होगा, जैसा कि बैंक के कैशियर का होता है, जिससे किसी भी अन्य व्यक्ति की पहुंच व्हीव्हीपीएटी की स्लिप तक न हो, इस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
इस तरह होगी गणना
इसके लिये रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा सभी अभ्यर्थियों को पूर्व में ही सूचना दी जायेगी। मतदान केन्द्र के चयन के लिये एक गुणा एक इंच आकार के सफेद कागज पर मतदान केन्द्रों के नम्बर लिखकर कंटेनर में डाले जायेंगे और पर्ची निकालकर, केन्द्र का रेण्डम चयन होगा। यह कार्य ईव्हीएम से गणना के अंतिम राउण्ड के तत्काल बाद किया जायेगा। यह कार्य केन्द्रीय प्रेक्षक की उपस्थिति एवं कड़ी निगरानी में होगा। परिणाम घोषणा के पूर्व रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा व्हीव्हीपीएटी की स्लिप की गणना के बाद कंट्रोल यूनिट के परिणाम से मिलान कर एक सत्यापन पत्रक जारी किया जाएगा।
2050 एफआईआर दर्ज
कांताराव ने बताया कि आचार संहिता लागू होने के बाद से आज तक प्रदेश में आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में 2050 एफआईआर दर्ज की गई हैं। जिनमें से एक हजार से ज्यादा का निराकरण कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में राज्य में 70 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है। जिनमें से 30 करोड़ नगद राशि है। जिसकी जांच के लिए आईटी को सौंपा है। आईटी से रिपोर्ट मिलने के बाद राशि को रिलीज कर दिया जाएगा।
कैबिनेट की जानकारी नहीं
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि आयोग को अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं है कि राज्य सरकार कैबिनेट बैठक बुलाने जा रही है। उन्होंने कहा कि बैठक में कोई लोकलुभावने फैसले नहीं लिए जा सकते हैं। बैठक पर आयोग की कोई रोक नहीं है। एक सवाल के जवाब में काताराव ने कहा कि आयोग द्वारा जो अधिकारी हटाए थे, उन्हें आचार संहिता प्रभावी होने तक शासन बिना आयोग की अनुमति के पदस्थ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि शासन ने कुछ अधिकारियों की पदस्थापना की अनुमति चाही है, जिसे आयोग को भेज दिया है।