भोपाल
14 मई को अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) एकजुटता दिवस मनाएगी। इसे लेकर सभा के राष्ट्रीय सचिव बादल सरोज ने कहा है कि कोरोना संकटकाल में केरल को छोड़कर सारे राज्यों की सरकार और केंद्र सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। जो फ्रंटलाइन वर्कर्स है जिनमें डाक्टर, नर्स, वार्ड बॉय, दवा देने वाले कर्मचारी, जांच कर्मचारी, सफाई कर्मचारी, एंबुलेंस ड्राइवर, आंगनवाड़ी आशा कार्यकर्ता सहित अनेक लोग अपने जीवन को दांव पर लगाकर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। उन्होने कहा कि इस आपदा के समय मजदूर गरीब तबका सबसे अधिक परेशानियों से जूझ रहा है और उनके लिये कोई सरकार किसी तरह की राहत प्रदान नहीं कर रही है।
ऐसे में अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव बादल सरोज ने अपील की है कि किसान सभा की सारी इकाइयां अपने साधनों को इकट्ठा कर जरूरतमंदों को भोजन व मास्क उपलब्ध कराए। इसी के साथ सीटू द्वारा 14 मई को एकजुटता दिवस का आह्वान किया गया है। किसान सभा 8 मांगों को लेकर एकजुटता दिवस मनाने जा रही है जिसमें उसने सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को सेफ्टी गियर्स देने, रेड ज़ोन में कार्य करने वाले कर्मचारियों को पीपीई किट देने, इनकी नियमित रूप से कोरोना संक्रमण की जांच करने, 50 लाख का बीमा करने की मांग ताकि अगर कहीं इनके साथ कुछ हादसा हो जाता है तो इनके परिवार को राहत राशि मिल सके, इनके परिवार को मुफ्त मेडिकल सुविधा मुहैया कराने, ड्यूटी पर रहते हुए जो कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं उन्हें 5 लाख की मुआवजा राशि दिये जाने, आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता, ठेका मजदूरों को 25 हजार इंसेंटिव राशि देने, जरूरतमंदों को राशन देने और सभी गैर आयकरदाता लोगों को स्थिति सामान्य होने तक साढ़े सात हजार रूपये दिए जाने तथा स्वास्थ्य सुविधाओं पर जीडीपी का 5 प्रतिशत खर्च करने और स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण रोकने तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने की मांग रखी है। 14 मई को सीटू ने कोरोना लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए सभी से एकजुटता दिवस में सम्मिलित होकर इसे सफल बनाने का आह्वान किया है।