खुशखबरी, राज्य शासन ने इन कर्मचारियों का भत्ता बढ़ाकर दोगुना किया, पढ़िए क्या कहा मंत्री ने

इसके पहले ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर ही एम.पी. ट्रांसको में कार्यरत संविदा कर्मियों को भी हॉटलाइन मेंटेनेन्स प्रशिक्षण देकर उन्हें भी हॉटलाइन भत्ता दिया जाता है। पहले यह सिर्फ नियमित कर्मचारियों के लिए लागू था।

Atul Saxena
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Employee News: मध्य प्रदेश शासन समय समय पर अपने कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में वृद्धि करता रहता है, वैसे तो शासन के लिए सभी कर्मचारी सामान ही होते हैं लेकिन कुछ कर्मचारी ऐसे होते हैं जो जोखिम भरे कामों से जुड़े होते हैं, बिजली कंपनी के ऐसे ही कर्मचारियों को शासन ने तोहफा दिया है, शासन ने हॉटलाइन मेंटेनेन्स करने वाले कर्मचारियों का भत्ता दोगुना कर दिया है।

मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी (एम.पी. ट्रांसको) में हॉटलाइन मेंटेनेन्स कार्य करने वाले कर्मचारियों को अब डबल भत्ता मिलेगा, ये निर्देश ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के निर्देश ने दिए हैं, आदेश के मुताबिक एक्स्ट्रा हाईटेंशन लाइनों एवं सब-स्टेशनों का हॉटलाइन पद्धति से बिना शट-डाउन लिये मेंटेनेन्स जॉब/ऑपरेशन करने वाले कर्मियों के भत्ते में दोगुनी बढ़ोतरी की गई है। साथ ही प्रति ऑपरेशन के लिये दिये जाने वाले भत्ते में भी दोगुनी वृद्धि कर दी गई है।

बहुत जोखिम भरा होता है ये काम 

आदेश के तहत अब भत्ता दोगुना मिलेगा। पहले यह 6 रुपये से 40 रुपये के बीच मिलता था, लेकिन अब यह 12 रुपये से 80 रुपये तक प्रति जॉब/ऑपरेशन के हिसाब से मिलेगा। हॉटलाइन पद्धति के माध्यम से बिना शट-डाउन लिये एक्स्ट्रा हाईटेंशन लाइनों का मेंटेनेन्स जॉब करने के लिये कर्मचारी की सहमति आवश्यक होती है। एम.पी. ट्रांसको द्वारा उन कर्मचारियों को बैंगलुरु के केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण से प्रशिक्षण दिलवाने के बाद ही वह जॉब/ऑपरेशन के लिये पात्र होता है। जॉब/हॉटलाइन ऑपरेशन अत्यंत जोखिम भरा होने के कारण कार्मिकों को यह भत्ता दिया जाता है।

ऊर्जा मंत्री का आदेश जारी

ऊर्जा मंत्री तोमर की पहल पर एम.पी ट्रांसको के कर्मचारियों को हॉट लाइन मेंटेनेंस भत्ते में 2013 के बाद बढ़ोतरी की गई। मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिये हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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