पत्रकारिता विवि के पूर्व छात्रों और पत्रकारों का प्रदर्शन, छात्रों के निष्कासन का विरोध

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से 23 छात्रों के निष्कासन का यहां के पूर्व छात्रों और भोपाल में कार्यरत पत्रकारों ने विरोध किया है। पत्रकारों का मानना है कि विश्वविद्यालय की गरिमा बचाते हुए छात्रों का निष्कासन रद्द किया जाए और उन पर दर्ज एफआइआर वापस ली जाए। इस मांग को लेकर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ओर राजधानी में कार्यरत 100 से अधिक पत्रकारों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर एकत्र होकर प्रदर्शन किया। बाद में विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डॉ श्रीकांत सिंह से प्रत्यक्ष रूप से और कुलपति दीपक तिवारी से फोन पर बातचीत की।

पूर्व छात्रों ने निष्कासित छात्रों को भी समझाया और उनसे राजनीतिक पचड़े से दूर रहने की अपील की। साथ ही प्रबंधन से बात की कि वह निष्कासित छात्रों को 23 दिसंबर से शुरू हो रहे हैं परीक्षा सत्र में शामिल होने की अनुमति दें और उनका निष्कासन समाप्त करें। इस संबंध में वहां मौजूद जोन टू के एडिशनल एसपी संजय साहू से भी बात की गई व प्रकरण वापसी के बारे में जानकारी ली। कुलाधिसचिव डॉक्टर सिंह को बताया गया कि प्रबंधन ने जिस तेजी से कार्रवाई की है वह उचित नहीं है। जो व्यक्ति विश्वविद्यालय को राजनीति का अखाड़ा बना कर जातिगत भेदभाव और विद्वेष फैला रहे हैं उन पर भी अपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाने चाहिए थे। डॉ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि सोशल मीडिया पर जातिगत टिप्पणी करने वाले दोनों अतिथि प्रोफेसरों को 15 दिन के लिए विश्वविद्यालय से दूर रखा गया है। बे नियमित प्राध्यापक नहीं है और सिर्फ उन्हें₹1000 प्रतिदिन लेक्चर के अनुरूप पैसा दिया जाता है छात्रों और इन दोनों अतिथि प्राध्यापकों की जांच के लिए अलग-अलग कमेटी बनाई गई है।


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