भोपाल।
कोरोना संकटकाल(corona crisis) के चलते लॉक डाउन (lock down) के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(cm shivraj singh chouhan) ने छात्र-छात्राओं (student) के लिए बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत 19 मार्च 2020 से लॉक डाउन शुरू होने की तारीख से लेकर लॉक डाउन समाप्त होने तक की अवधि तक कोई भी निजी विद्यालय (Private school)विद्यार्थियों से सिर्फ ट्यूशन फीस (tuition fees) ले सकेगा, इसके अलावा और किसी भी तरह की फीस नहीं ली जा सकेगी।
दरअसल, कोरोना संकटकाल के बीच लगातार सरकार के पास यह बातें पहुंच रही थी कि निजी स्कूल संचालक पूरी फीस की डिमांड कर रहे हैं। ऐसे स्कूलों की फीस 30 हजार रुपए से लेकर सवा लाख रुपए सालाना तक है।अभिभावकों ने भी इसको लेकर सरकार से मांग की थी कि उन्हें कुछ राहत दी जाए, जिसके बाद सरकार ने ये फैसला लिया है। शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के विद्यार्थियों के हित में महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। जहां चौहान ने 10वी को जनरल प्रमोशन और 12वी के एक्जाम कराने को लेकर फैसला लिया है वही कहा कि निजी स्कूल विद्यार्थियों से केवल टयूशन फीस ले सकेंगे। प्रदेश में 19 मार्च से लॉकडाउन रहने के कारण लॉकडाउन समाप्त होने की अवधि तक निजी विद्यालय बंद रहे हैं, इसलिए टयूशन फीस के अलावा कोई फीस नहीं ले सकेंगे। विद्यालय चल सके इसलिए टयूशन फीस ली जा सकेगी। इसके अतिरिक्त लायब्रेरी, बस, स्पोर्ट्स और अन्य कोई भी शुल्क नहीं लिया जा सकेगा। स्कूल खुलने के बाद विद्यालय अपना फैसला करेंगे।
बता दे कि राज्य सरकार के इस निर्णय से अभिभावकों को 1 से 8 हजार रुपए तक (अलग-अलग निजी स्कूलों की सालाना फीस व अतिरिक्त शुल्क के आधार पर अनुमान) कम देने होंगे। इसमें ट्यूशन फीस के अतिरिक्त काफी बड़ी राशि है, जो 30 से 50 फीसदी तक होती है। इसमें से ही लाॅक डाउन पीरियड का पैसा नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅक डाउन खत्म होने के बाद जब स्कूल शुरू होंगे, उसके बाद संचालक बाकी फीस के बारे में निर्णय लेंगे।