प्रदेश की शिवराज सरकार(SHIVRAJ SARKAR) ने किसानों (FARMERS)को एक और बड़ी राहत दी है। सरकार ने फैसला किया है कि उपार्जन राशि (Earning amount) में से ऋण अदायगी के लिए 50 प्रतिशत से अधिक राशि न काटी जाए।वही योजना अनुसार शून्य प्रतिशत ब्याज पर अगली फसल के लिये ऋण उपलब्ध करवा कराएं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(CM SHIVRAJ SINGH CHOUHAN) ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रबी उपार्जन के अंतर्गत किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर बेची गई उनकी फसल की राशि में से बैंक किसानों का बकाया ऋण की राशि का 50 प्रतिशत से अधिक न काटें। साथ ही, उन्हें तुरंत शासन की योजना अनुसार शून्य प्रतिशत ब्याज पर अगली फसल के लिये ऋण उपलब्ध करवा कराएं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के मौजूदा दौर में प्रदेश में गेहूँ उपार्जन का उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। गेहूँ उपार्जन के 15 दिन में ही प्रदेश में 25 लाख 15 हजार एम.टी. गेहूँ उपार्जित किया जा चुका है तथा उसका 80 प्रतिशत परिवहन भी हो चुका है। साथ ही, 991 करोड़ रूपए की राशि किसानों के खातों में पहुंच चुकी है। इसके लिए उन्होंने कार्य से जुड़े पूरे अमले की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसानों का चमकविहीन गेहूँ भी समर्थन मूल्य पर खरीद रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों की फसलें गिर जाने के कारण कटाई के समय उनमें कुछ मिट्टी मिल गई है। इस प्रकार के गेहूँ की खरीदी की भी व्यवस्था की जाए। किसानों को कोई परेशान न आये।प्रदेश में चना एवं मसूर की समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ हो गई है। सरसों की खरीदी आज से प्रारंभ हो जाएगी।
बता दे कि प्रदेश में 5 लाख 20 हजार किसानों से 25 लाख 15 हजार मीट्रिक टन गेहूँ समर्थन मूल्य पर खरीदा जा चुका है। किसानों को भुगतान के लिए 1640 करोड़ रूपए की राशि बैंकों को भिजवा दी गई है, जिसमें से 991 करोड़ रूपए किसानों के खातों में पहुंच चुके हैं। उपार्जित गेहूँ में से 80 प्रतिशत का परिवहन हो गया है।