भोपाल। राजधानी भोपाल का शाहजहांनी पार्क इन दिनों दिल्ली के शाहीन बाग़ की याद दिला रहा है, जहां अपने अस्तित्व और भविष्य को बचाने मध्यप्रदेश का उच्च शिक्षित तबका अपनी ही चुनी हुई सरकार से संघर्ष कर रहा है। किन्तु चाहे शाहीन बाग़ हो या शाहजहांनी पार्क, सरकारों की हदय हीनता की तस्वीर एक ही है। हाल यह है की प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में पिछ्ले दो दशकों से अपनी दवाएं देने वाले अतिथिविद्वान आज सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ 57 दिनों से आंदोलनरत है किन्तु सरकार के नुमाइंदों के पास इतना समय नही है कि वे जाकर अतिथिविद्वानों से यह पूछ सके कि आपकी समस्या क्या है, क्यों अपनी क्लास के स्थान पर आप यहां बैठे है। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा में संयोजक डॉ देवराज सिंह के अनुसार कांग्रेस सरकार ने संवेदनहीनता के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए है। इस कांग्रेस सरकार ने अतिथिविद्वानों पर दोहरा प्रहार किया है। पहले तो वचनपत्र में किये वादे के संबंध में अब तक कोई ठोस निर्णय तक सरकार नही पहुँच सकी है, दूसरा यह कि लगभग 2700 अतिथिविद्वानों को नौकरी से फालेन आउट करके बेरोजगार कर दिया है। मोर्चा में संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया का तो यहां तक कहना है कि सरकार द्वारा लिए गए अदूरदर्शी निर्णय के कारण आज कई अतिथिविद्वान व उनके परिजन इस दुनिया से जा चुके है। लगातार तनावग्रस्त रहने के कारण अतिथिविद्वानों को कई गंभीर बीमारियों ने घेर लिया हैं।
अतिथिविद्वानों की मांगें उचित, मुख्यमंत्री की जानकारी में लाऊंगा यह विषय- अरुण यादव
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता डॉ मंसूर अली के अनुसार आज अतिथिविद्वानों का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव से मिला एवं कांग्रेस पार्टी के वचनपत्र एवं अतिथिविद्वानों के पिछले 57 दिनों से चल रहे आंदोलन के संबंध में जानकारी दी गई। मुलाकार के दौरान अतिथिविद्वानो की दुर्दशा, 2700 अतिथिविद्वानों को फालेन आउट करके बेरोजगार करने तथा पिछले 8 माह से मानदेय न दिए जाने के सबंध में विस्तार से चर्चा हुई। जिस पर श्री यादव का कहना था कि अतिथिविद्वानो की मांगें पूर्णतः उचित है। इस संबंध में मैं जल्द मुख्यमंत्रीजी से बात करूंगा। डॉ मंसूर अली ने आगे बताया कि इसी कड़ी में अतिथि विद्वानों ने कर्मचारी आयोग के सदस्य व कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र खोंगल से भी मुलाकात कर अतिथिविद्वानो के नियमितिकरण हेतु सरकार तक अतिथिविद्वानों की आवाज़ पहुचाने का निवेदन किया है। प्रतिनिधिमंडल में डॉ डालूराम यादव, डॉ प्रमोद चौधरी,डॉ एम एल सूर्यवंशी समेत कई अतिथिविद्वान उपस्थित थे।