भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस के सीनियर नेता, पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने राज्यपाल को लेकर विवादित बात कही है। राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सज्जन वर्मा ने राज्यपाल पर निशाना साधा। वे नेमावर से पदयात्रा कर आई आदिवासी लड़की के समर्थन में वहां पहुंचे थे।
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देवास के नेमावर में हुए नरसंहार के बाद आदिवासी परिवार की जीवित बची इकलौती बेटी भारती मंगलवार को भोपाल पहुची। भारती ने न्याय के लिये एक जनवरी से पदयात्रा शुरू की थी और 200 किलोमीटर तक पैदल चल राज्यपाल के पास ज्ञापन देने पहुंची थी। इसी बीच में मुख्यमंत्री ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की बात कही थी लेकिन भारती पदयात्रा करती रही। राजभवन पहुंचने के बाद उसको कोरोना प्रोटोकाल का हवाला देकर राज्यपाल से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। वहां पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन वर्मा ने राज्यपाल द्वारा बच्ची से ना मिले जाने को लेकर कहा कि “हमें लग रहा था कि आदिवासी वर्ग के राज्यपाल आदिवासी बेटी की बात जरूर सुनेंगे। लेकिन कोरोना की वजह से उन्होंने मिलने से ही इन्कार कर दिया। ऐसी जिंदगी से तो मौत भली।” उनका यह बयान सामने आते ही बीजेपी ने पलटवार किया और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के प्रति भी अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रही है जो उचित नहीं है।
क्या है नेमावर हत्याकांड मामला!
देवास जिले के नेमावर में 17 मई 2021 को भारती कास्डे ने अपनी बहन रूपाली, ममता, दिव्या, पूजा और पवन के गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी। 27 मई 2021 को इस मामले में केस दर्ज हुआ। पुलिस ने 30 जून 2021 को मनोज कोरकू को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि पांचों को 13 मई को खेत पर बुलाकर हत्या की गई थी। इसके बाद 10 फीट गहरे गड्ढे में उनकी लाश को ठिकाने लगा दिया गया। इस खुलासे के बाद राजनीति गरमा गई थी। आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर जयस, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और कांग्रेस ने सरकार को घेरा था।